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मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जल्द कर सकती है राहत पैकेज की घोषणा

नए साल से पहले अगले राहत पैकेज की घोषणा की उम्मीद की जा रही है। सरकार ऐसी स्कीम या उन उपायों को पैकेज में शामिल करेगी जिनके तहत लोग अधिक से अधिक खर्च करें और अर्थव्यवस्था की गाड़ी रफ्तार पकड़ सके।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 07:39 PM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 07:39 PM (IST)
मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जल्द कर सकती है राहत पैकेज की घोषणा
अगले राहत पैकेज में नकदी के पक्ष में नहीं सरकार।

राजीव कुमार, नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार जल्द ही अगले राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है, लेकिन इसके तहत नकदी देने का विचार नहीं है। खाते में नकदी मिलने पर लोग उसे खर्च करने के बजाय बैंक में जमा रखना अधिक पसंद कर रहे हैं, जबकि सरकार का उद्देश्य उन पैसों को खर्च कराना है ताकि अर्थव्यवस्था में खपत बढ़े और नई मांग निकले। इसलिए अगले पैकेज में ऐसी स्कीम शामिल की जा रही है, जिसके तहत बचत की गुंजाइश नहीं हो।

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महिलाओं ने जन-धन खातों में जमा राशि खर्च की जगह जमा करने पर दिया अधिक जोर

लॉकडाउन शुरू होने के तुरंत बाद सरकार ने राहत पैकेज का एलान किया था, जिसके तहत महिलाओं के जन-धन खाते में प्रतिमाह 500-500 रुपये दिए गए। फिलहाल जन-धन खातों में जमा राशि के आंकड़े बताते हैं कि लोगों ने खर्च की जगह पैसे को जमा करने पर अधिक फोकस किया।

नकदी देने की घोषणा के बाद बड़ी संख्या में जन-धन खाते खुले 

एसबीआइ इकोरैप के आंकड़ों के मुताबिक सरकार की तरफ से नकदी देने की घोषणा के बाद बड़ी संख्या में खाते खुले। इस साल एक अप्रैल से लेकर 14 अक्टूबर तक तीन करोड़ नए खाते खोले गए, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 60 फीसद अधिक है। 14 अक्टूबर तक जन-धन खातों की संख्या 41.05 करोड़ थी और इन खातों में 1,30,741 करोड़ रुपये जमा थे। समीक्षाधीन अवधि में जन-धन खातों की जमा राशि में 11,060 करोड़ की बढ़ोतरी हुई। सालभर पहले इसी अवधि में जमा राशि में 7,857 करोड़ की बढ़ोतरी हुई थी।

नए साल से पहले अगले राहत पैकेज की घोषणा की उम्मीद

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक जन-धन खाते में जमा रकम को देखते हुए अब शहरी बेरोजगार कर्मचारियों या किसी अन्य की मदद उनके खाते में सीधे तौर पर पैसे देकर नहीं की जाएगी। सरकार ऐसी स्कीम या उन उपायों को पैकेज में शामिल करेगी जिनके तहत लोग अधिक से अधिक खर्च करें और अर्थव्यवस्था की गाड़ी रफ्तार पकड़ सके। नए साल से पहले अगले राहत पैकेज की घोषणा की उम्मीद की जा रही है।

बड़ी कंपनियां भी ले सकेंगी एमएसएमई स्कीम वाले लोन

इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तहत एमएसएमई के लिए तीन लाख करोड़ की लोन योजना का फायदा अब बड़ी कंपनियां भी उठा सकेंगी। वित्त मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक जल्द ही वित्तीय सेवा विभाग इस मामले में नोटिफिकेशन जारी कर सकता है।

ईसीएलजीएस के तहत लोन लेने की अवधि 30 नवंबर तक बढ़ा दी गई

ईसीएलजीएस के तहत लोन लेने की अवधि 31 अक्टूबर को समाप्त हो गई थी, जिसे 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है। 31 अक्टूबर तक लगभग दो लाख करोड़ रुपये के लोन की मंजूरी दी गई थी और अभी एक लाख करोड़ रुपये की मंजूरी देने की गुंजाइश है। औद्योगिक संगठनों ने सरकार से इस स्कीम में बड़ी कंपनियों को भी शामिल करने की गुजारिश की थी।


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