बैंक लोन दबाने वालों की नकेल कसेगी मोदी सरकार, नया कानून लाने की तैयारी
भगोड़ा आर्थिक अपराध विधेयक (फ्यूगिटिव इकनॉमिक अफेंडर बिल 2017) नामक यह विधेयक छह मार्च से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में पेश होने के आसार हैं।
हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। सरकार बैंकों का लोन दबाकर बैठने वालों की नकेल कसने की तैयारी कर रही है। इसी दिशा में कदम उठाते हुए केंद्र ने मंगलवार को सभी सरकारी बैंकों को निर्देश दिया कि वे फ्रॉड की आशंका से 50 करोड़ रुपये से अधिक के एनपीए (फंसे कर्ज) खातों की जांच करें। अगर किसी बैंक को ऐसे मामलों में फ्रॉड पकड़ में आता है तो वे तत्काल इसकी सूचना केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) को दें। इस बीच सरकार बैंकों से लोन लेकर विदेश भागने हाई-प्रोफाइल लोगों और कारोबारियों से पैसा वसूलने के लिए एक नया विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। इस विधेयक के कानून बनने पर विशेष अदालतों के जरिए भगोड़ा कारोबारियों की संपत्ति जब्त की जा सकेगी।
वित्त मंत्रालय के बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा विभाग के सचिव राजीव कुमार ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्रों के सभी बैंकों के प्रबंध निदेशकों को बैंक फ्रॉड पकड़कर सीबीआइ को सौंपने का निर्देश दिया गया है। साथ ही उन्हें 50 करोड़ रुपये से अधिक एनपीए वाले खातों की जांच इस दृष्टिकोण से करने के लिए कहा गया है कि कहीं इन खातों में बैंक फ्रॉड तो नहीं किया गया।
बैंकों को वित्त मंत्रालय का यह निर्देश ऐसे समय आया है जब अरबपति ज्वैलर नीरव मोदी देश के सबसे बड़े बैंक पंजाब नेशनल बैंक को 12,700 करोड़ रुपये का चूना लगाकर देश छोड़कर भाग गया है। इससे पहले विजय माल्या भी बैंकों से लोन लेकर विदेश भाग चुका है। सरकार का यह निर्देश इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकारी बैंकों के एनपीए की राशि बढ़कर 8.5 लाख करोड़ रुपये हो गयी है। इसलिए एनपीए के मामलों की यह पहचान करनी जरूरी है कि कहीं ये फ्रॉड तो नहीं हैं। सरकार ने बैंकों से यह भी कहा है कि वे 50 करोड़ रुपये से अधिक के फ्रॉड के मामले में अपने मुख्य सतर्कता अधिकारी से परामर्श करने के बाद इसकी जांच के लिए सीबीआइ के साथ समन्वय करें। साथ ही बैंक केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो यानी सीईआइबी से एनपीए बनने वाले खातों के संबंध में उधार लेने वाले व्यक्ति की जानकारी प्राप्त करते रहें। सीईआइबी को एक सप्ताह के भीतर बैंकों को रिपोर्ट देनी होगी। कुमार ने कहा कि बैंक अगर फेमा या मनी लॉंड्रिंग से संबंधित कोई मामला पकड़ते हैं तो उसकी सूचना वे तत्काल प्रवर्तन निदेशालय और राजस्व खुफिया निदेशालय को दें।
इस बीच सरकार बैंकों से लोन लेकर विदेश भाग जाने वाले लोगों से पैसा वसूलने के लिए एक नया विधेयक लेकर आ रही है। भगोड़ा आर्थिक अपराध विधेयक (फ्यूगिटिव इकनॉमिक अफेंडर बिल 2017) नामक यह विधेयक छह मार्च से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में पेश होने के आसार हैं। माना जा रहा है कि इस विधेयक के कानून बनने पर बैंकों से लोन लेकर विदेश भाग चुके लोगों से धनराशि वसूली जा सकेगी। इस कानून के तहत ऐसे मामलों के त्वरित निपटान के लिए विशेष अदालतें बनाई जाएंगी। सूत्रों के मुताबिक कानून मंत्रालय ने इस विधेयक के मसौदे को हरी झंडी दे दी है।
ऐसे होगी कड़ाई
1. आरबीआइ के निर्देशों के अनुसार समयसीमा के भीतर फ्रॉड की जांच
2. अगर फ्रॉड 50 करोड़ रुपये से अधिक है तो सीबीआइ जांच
3. 50 करोड़ रुपये से अधिक एनपीए की जांच फ्रॉड के नजरिए से जांच
4. फेमा या मनी लाँड्रिंग के मामलों में बैंक ईडी व डीआरआइ से शिकायत करेंगे
5. बनेगा नया कानून