मोदी सरकार ने चुनाव आयोग को अवमानना का अधिकार देना उचित नहीं माना: रावत
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि अवमानना की शक्ति निराधार, बेतुके आरोपों का मुकाबला करने के लिए मांगी गई थी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। चुनाव आयोग अवमानना का अधिकार दिए जाने की अपनी मांग पर अब बहुत ज्यादा गंभीर नहीं है। आयोग ने अपने खिलाफ बिना किसी ठोस सुबूत के आरोप लगाए जाने पर लोगों और पार्टियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की मांग की थी। मुख्य चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत ने कहा है कि सरकार ने आयोग से कहा है कि उसे अवमानना का अधिकार देना उचित नहीं होगा। इसके बाद दोबारा मांग नहीं की गई है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, 'अब हम अपनी मांग दोहराने के बारे में नहीं सोच रहे हैं।' उन्होंने कहा कि अवमानना की शक्ति निराधार, बेतुके आरोपों का मुकाबला करने के लिए मांगी गई थी। इस तरह के आरोपों से महौल बिगड़ता है और मतदाताओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
सरकार ने हाल ही में संसद में कहा था कि चुनाव आयोग की मांग पर कानूनी और संवैधानिक पहलुओं से विचार किया गया। कानून मंत्रालय ने इस संबंध में न्यायपालिका के आदेशों को भी ध्यान में लिया है।
पिछले वर्ष जुलाई में कानून राज्यमंत्री पीपी चौधरी ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा था, 'इस बात पर विचार किया गया कि चुनाव आयोग को अवमानना की शक्ति प्रदान करना सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किए गए कानून के अनुरूप नहीं होगा।'
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