मोदी सरकार शोधार्थियों को दे सकती है बड़ा तोहफा, चार सालों से नहीं बढ़ी फेलोशिप
2014 से पहले फेलोशिप में 2010, 2007 और 2006 में बढ़ोत्तरी की गई थी। शोध संस्थानों और विश्वविद्यालयों में शोध के क्षेत्र में करीब दो लाख छात्र पढ़ाई कर रहे है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव से पहले सरकार देश भर के शोध संस्थानों और विश्वविद्यालयों से जुड़े शोधार्थियों को एक बड़ा तोहफा दे सकती है। इसके तहत उन्हें मिलने वाली फेलोशिप की राशि में भारी इजाफा किया जा सकता है। संभवत है कि यह बढ़ोत्तरी पचास फीसद से ज्यादा की होगी। मौजूदा समय में देश भर के इन संस्थानों में शोध के क्षेत्र में करीब दो लाख छात्र पढ़ाई कर रहे है। फिलहाल यह सभी फेलोशिप में बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर आंदोलित है। ऐसे में सरकार इनमें बढ़ोत्तरी कर उनकी एक बड़ी मांग को पूरी कर सकती है।
शोध से जुड़े इन छात्रों ने पिछले दिनों फेलोशिप में बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर एकजुट होकर दिल्ली में भी बड़ा प्रदर्शन किया था। खासबात यह है कि शोध छात्रों की फेलोशिप में बढ़ोत्तरी की इस मांग पर यूजीसी भी सहमत है। पिछले हफ्ते ही वह बढ़ोत्तरी को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अपनी राय दे चुकी है। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार के स्तर पर इसे लेकर कभी भी फैसला लिया जा सकता है।
हालांकि यह बढ़ोत्तरी कितनी होगी, यह कहना अभी मुश्किल है, लेकिन जो संकेत मिल रहे है, उसके तहत यह बढ़ोत्तरी पचास फीसद से ज्यादा की ही होगी। सूत्रों की मानें तो इस संबंध में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की भी राय मांगी गई है।
इधर शोध से जुड़े छात्र फेलोशिप में 80 फीसद तक बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे है। उनका तर्क है कि बढ़ती मंहगाई को देखते हुए शोध की लागत भी बढ़ गई है। खासकर में बड़े शहरों में रहकर शोध करना काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है।
2014 में हुई थी बढ़ोत्तरी
मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक शोधार्थियों की फेलोशिप में इससे पहले बढ़ोत्तरी 2014 में की गई थी। उस समय यह बढोत्तरी करीब 56 फीसद की गई है। इसके बाद से हर महीने फेलोशिप 25 से 28 हजार रुपए मिलने लगी थी। हालांकि इससे पहले तक इन छात्रों को हर महीने बतौर फेलोशिप सिर्फ 16 से 18 हजार रुपए मिलते थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2014 से पहले फेलोशिप में 2010, 2007 और 2006 में बढ़ोत्तरी की गई थी।
इन संस्थानों के छात्र है आंदोलित
फेलोशिप बढ़ाने की मांग की वैसे तो देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के शोध से जुड़े छात्र कर रहे है, लेकिन इनमें जो संस्थान सबसे अहम है, उनमें आईआईटी दिल्ली, मंडी, रूड़की, कानपुर, बाम्बे, पटना के अलावा अंबेडकर विवि लखनऊ, पंजाब विवि, नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी दिल्ली, इंडियन इंस्ट्टीट्यूट ऑफ साइंस बंगलौर, सीएसआईआर सहित देश के सभी प्रमुख और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के छात्र भी शामिल है।