उद्धव-राज की बढ़ती नजदीकी से मनसे कार्यकर्ता बेचैन
मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे की अपने ताऊ बाल ठाकरे से बढ़ती नजदीकी ने उनके कार्यकर्ताओं को बेचैन कर दिया है। मनसे कार्यकर्ता नई परिस्थिति में अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे की अपने ताऊ बाल ठाकरे से बढ़ती नजदीकी ने उनके कार्यकर्ताओं को बेचैन कर दिया है। मनसे कार्यकर्ता नई परिस्थिति में अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
कुछ माह पहले ही शिवसेना के कार्यकारी प्रमुख उद्धव ठाकरे की बीमारी के समय शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने स्वयं राज ठाकरे से संपर्क कर उन्हें उद्धव की देखरेख के लिए अस्पताल जाने का निर्देश दिया था। उसके बाद से ही अपने ताऊ बाल ठाकरे के परिवार से राज ठाकरे की नजदीकी बढ़ती दिखाई दे रही है। कुछ दिनों पहले राज ठाकरे ने बाल ठाकरे के निवास मातोश्री पर जाकर ढाई घंटे बिताए। कहा जा रहा है वह बाल ठाकरे के कार्टूनों की पुस्तक पर चर्चा करने मातोश्री गए थे लेकिन उद्धव-राज की इस बढ़ती नजदीकी से जहां मनसे कार्यकर्ता बेचैनी महसूस कर रहे हैं, वहीं शिवसेना के कार्यकर्ता अपनी पार्टी के उज्जवल भविष्य को लेकर खुश नजर आ रहे हैं। मनसे कार्यकर्ताओं को लग रहा है कि यदि शिवसेना राज ठाकरे को मनाने में सफल रही, तो शिवसेना के जमे-जमाए संगठन के सामने उनके उभरते राजनीतिक भविष्य को बलि चढ़ा दिया जाएगा।
करीब पांच वर्ष पहले शिवसेना से अलग होकर राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया था । तब शिवसेना के नौजवान कार्यकर्ताओं ने राज का दामन थामकर अपने ही पुराने संगठन के सामने तगड़ी चुनौती पेश की थी। शिवसेना के जमे-जमाए नेताओं के सामने नई पार्टी का ढांचा खड़ा करने में इन युवाओं को जान तक जोखिम में डालनी पड़ी थी। युवा कार्यकर्ताओं के इसी संघर्ष की बदौलत मनसे 2009 के विधानसभा चुनाव में 13 विधायक और मुंबई महानगर पालिका में 30 सभासद चुनवाकर लाने में सफल रही। 2009 के लोकसभा चुनाव में उसके उम्मीदवारों के कारण शिवसेना-भाजपा को करीब एक दर्जन सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा था।
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