Move to Jagran APP

मिजोरम बना उदाहरण, बिना किसी हिंसा के हुआ चुनाव प्रचार

मिजोरम ने बिना किसी ंिहंसा के चुनाव प्रचार करने के लिए एक उदाहरण पेश किया है। 25 नवंबर को होने वाले विधान सभा चुनाव के लिए अभी तक कोई भी घटना दर्ज नहीं हुई है। राज्य के डीजीपी अमूल्य पटनायक ने बताया कि पिछले कई सालों से मिजोरम में शांतिपूर्ण चुनाव ही संपन्न हो रहे हैं।

By Edited By: Published: Sat, 23 Nov 2013 04:30 PM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2013 04:32 PM (IST)
मिजोरम बना उदाहरण, बिना किसी हिंसा के हुआ चुनाव प्रचार

आइजॉल। मिजोरम ने बिना किसी ंिहंसा के चुनाव प्रचार करने के लिए एक उदाहरण पेश किया है। 25 नवंबर को होने वाले विधान सभा चुनाव के लिए अभी तक कोई भी घटना दर्ज नहीं हुई है।

prime article banner

राज्य के डीजीपी अमूल्य पटनायक ने बताया कि पिछले कई सालों से मिजोरम में शांतिपूर्ण चुनाव ही संपन्न हो रहे हैं। पटनायक ने बताया कि इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि इस पर प्रेसबाइटैरियन चर्च की कड़ी निगरानी रहती है। यह मिजोरम पीपुल्स फोरम द्वारा नियंत्रित की जाती है। जो राजनीतिक पार्टियों के लिए यह तय करती है कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं करना है। एमपीएफ के प्रेसीडेंट रेव लालरामलियन ने बताया कि हम किसी भी तरह की ंिहंसा का समर्थन नहीं करते हैं। मुख्य चुनाव अधिकारी अश्विनी कुमार ने बताया कि पहले दिन से लेकर अभी तक किसी भी प्रकार की ंिहंसा की खबर नहीं आई है। लेकिन पैसे के लेन-देन की कुछ खबरें जरुर आई हैं।

पढ़ें: मिजोरम: पैदल भी मतदान स्थल तक पहुंचेंगे पोलिंग अधिकारी

गौरतलब यह है कि अस्सी के दशक के लगभग अंत तक मिजोरम में विधान सभा चुनाव के दौरान हिंसा के साथ-साथ कत्लेआम आम बात थी। लेकिन अस्सी के दशक के अंत में एक समझौता हुआ, जिसकी सीमाएं एक तरफ बांग्लादेश और दूसरी तरफ म्यांमार से लगी हुई हैं, उसके बाद से हिंसा पर काबू पाया जाने लगा।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.