मिजोरम फिल्म उद्योग को भी है नई सरकार से उम्मीदें
मिजोरम फिल्म इंडस्ट्री ने उम्मीद जताई है कि चुनाव के बाद जो भी पार्टी सत्ता में आएगी वह उसके विकास के लिए अधिक धन आवंटित करेगी। दरअसल, यहां पर कोरियाई फिल्मों और धारावाहिकों को मिजो भाषा में डब करके दिखाए जाने का चलन हैं। गोवा अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में स्वतंत्र फिल्म मेकर मापुई चुंगवाथा की फिल्म 'खांगलुंग रन' का चयन होने के बाद यहां मिजो फिल्मों के लिए और धन आवंटित करने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। कोरियाई फिल्मों की लोकप्रियता का मुख्य कारण उनकी आसानी से उपलब्धता, नाक-नक्शे में समानता और मिलती-जुलती परंपरा है।
आइजल। मिजोरम फिल्म इंडस्ट्री ने उम्मीद जताई है कि चुनाव के बाद जो भी पार्टी सत्ता में आएगी वह उसके विकास के लिए अधिक धन आवंटित करेगी। दरअसल, यहां पर कोरियाई फिल्मों और धारावाहिकों को मिजो भाषा में डब करके दिखाए जाने का चलन हैं। गोवा अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में स्वतंत्र फिल्म मेकर मापुई चुंगवाथा की फिल्म 'खांगलुंग रन' का चयन होने के बाद यहां मिजो फिल्मों के लिए और धन आवंटित करने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। कोरियाई फिल्मों की लोकप्रियता का मुख्य कारण उनकी आसानी से उपलब्धता, नाक-नक्शे में समानता और मिलती-जुलती परंपरा है।
पिछले साल मिजोरम सरकार ने विलुअल आर्ट्स और फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 20 लाख रुपये का बजट आवंटित किया था। फिल्म निर्माताओं का मानना है कि यह काफी कम है। चुंगवाथा ने बताया, 'अगर कोई निर्माता फिल्म बनाना भी चाहता है तो उसे धन नहीं मिलता। फिल्म निर्माताओं की मदद के लिए न तो सरकार और न ही कोई विभाग आगे आ रहा है। ऐसे में मिजोरमवासियों के मनोरंजन का साधन डब की हुई कोरियाई फिल्में और धारावाहिक हैं।'
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