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Mission 2047: कोविड के बावजूद भी भारत का दमखम बरकरार, विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर

कोविड-महामारी से उतार-चढ़ाव के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में निरंतर वृद्धि और सफलता का दौर जारी है। अब विशेषज्ञ ऐसे अनुमान लगा रहे हैं कि इस वर्ष भी भारत तेजी से आर्थिक वृद्धि करेगा। साथ ही अगले एक दशक में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। File Photo

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Thu, 26 Jan 2023 06:22 PM (IST)Updated: Thu, 26 Jan 2023 06:22 PM (IST)
Mission 2047: कोविड के बावजूद भी भारत का दमखम बरकरार, विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर
विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर भारत।

नई दिल्ली, एएनआई। कोविड महामारी से उतार-चढ़ाव के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में निरंतर वृद्धि और सफलता का दौर जारी है। अब विशेषज्ञ ऐसे अनुमान लगा रहे हैं कि इस वर्ष भी भारत तेजी से आर्थिक वृद्धि करेगा। साथ ही, अगले एक दशक में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

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विश्व बैंक ने हाल ही में देश के सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि के अपने अनुमान को 6.4 प्रतिशत से 6.9 प्रतिशत तक संशोधित किया है। इस अनुमान से स्पष्ट है कि विश्व बैंक भी वर्तमान सरकार की नीतियों और आर्थिक सुधारों के सकारात्मक प्रभाव को स्वीकार कर रहा है। भारत में विश्व बैंक के निदेशक ऑगस्टे टानो कोआमे का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था में लचीलापन है, क्योंकि देश की व्यापक आर्थिक स्थिति काफी सुदृढ़ है।

नीतिगत सुधार से अर्थव्यवस्था में तेजी

सरकार के अपने अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-2023 में भारत सात प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुसार, ऐसे समय में जब विश्व भर के ज्यादातर देश गंभीर प्रतिकूल आर्थिक परिस्थितियों से जूझ रहे हैं, यह एक बड़ी सफलता है।

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सरकार के उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) और पीएम गति शक्ति नीतिगत सुधार भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण साबित हुए हैं। पीएलआई से देश में उत्पादन को बढ़ावा मिला है, वहीं गति शक्ति की पहल देश में कनेक्टिविटी को बढ़ावा दे रही है। देश में कल्याणकारी योजनाओं और बुनियादी ढांचे के विस्तार में सही संतुलन साधा गया है।

विकसित देश बनने की दिशा में भारत

भारत का लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में ढुलाई की लागत को 14 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत तक लाया जाए। इससे भी विकास में तेजी आने की उम्मीद है। इस वित्त वर्ष उम्मीद है कि भारत में विदेशी निवेश पहली बार 100 अरब अमेरिकी डॉलर के आंकड़ें को पार कर जाएगा।

देश में संगठित और गैर-संगठित क्षेत्रों दोनों के आगे बढ़ने से नवीकरणीय ऊर्जा, निर्माण, वित्त प्रौद्योगिकी, वाहन, स्वास्थ्य सेवा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में तेजी से विकास की उम्मीद हैं। भारत 2047 तक विकसित देश बनना चाहता है। यह लक्ष्य तभी हासिल हो पाएगा यदि भारतीय अर्थव्यवस्था लगभग 8 प्रतिशत प्रति वर्ष की औसत दर से निरंतर वृद्धि करें।

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