थानेदार की बेटी से हड़पे 4 लाख, पैसे मांगे तो ढाबे पर बुलाकर किया दुष्कर्म
लॉ के छात्र ने भाई और चार साथियों के साथ मिलकर उससे चार लाख रुपये हड़प लिए थे। जब रुपये वापस मांगे तो चेक देने के बहाने ढाबे पर बुलाकर दुष्कर्म किया।
भोपाल (नईदुनिया)। बागसेवनिया इलाके में थानेदार की बेटी से ज्यादती का मामला सामने आया है। लॉ के छात्र ने भाई और चार साथियों के साथ मिलकर उससे चार लाख रुपये हड़प लिए थे। जब रुपये वापस मांगे तो चेक देने के बहाने ढाबे पर बुलाकर दुष्कर्म किया। वारदात के बाद छात्रा को जान से मारने की धमकी भी दी। पुलिस में शिकायत के एक हफ्ते तक कोई कार्रवाई नहीं की। क्राइम ब्रांच ने जब मुख्य आरोपित को चोरी की शंका पर हिरासत में लिया, तब बागसेवनिया पुलिस सक्रिय हुई और एफआईआर दर्ज की।
बागसेवनिया पुलिस के अनुसार अमराई की 25 वर्षीय युवती निजी कॉलेज में पीजी की छात्रा है। वह अरविंद विहार स्थित एक मिशनरी स्कूल में पढ़ी है। बागसेवनिया निवासी नितिन सूर्यवंशी, साकेत नगर निवासी प्रशांत व प्रतीक दाहिया (दोनों सगे भाई), गुलाबी नगर निवासी सौरभ रघुवंशी भी पीड़िता के साथ पढ़ते थे। स्कूल की दोस्ती की वजह से छात्रा की प्रशांत और प्रतीक से फोन पर बातचीत होती रहती थी। प्रतीक ज्यादा बात करता था। धीरे-धीरे दोनों अच्छे दोस्त बन गए थे। इसी दौरान छात्रा के कुछ आपत्तिजनक फोटो प्रतीक ने मोबाइल से खींच लिए, जिन्हें दिखाकर वह ब्लेकमेल करने लगा। इसका फायदा उठाकर उसने जनवरी 2018 में छात्रा से 40 हजार रुपये ले लिए थे।
ढाबे पर बुलाकर किया दुष्कर्म
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपितों द्वारा लगातार ब्लेकमेल करने से वह परेशान हो गई थी। इसके बाद प्रतीक से रकम वापस मांगी तो उसने 25 जून 2018 को रायसेन रोड स्थित आतिथि ढाबे पर मिलने बुलाया। छात्रा पहुंची तो आरोपित ने धमकाया और ढाबे के पीछे एक झोपड़ी में ले जाकर दुष्कर्म किया। छात्रा ने आरोपित से कहा कि वह पुलिस में शिकायत करेगी तो उसने माफी मांगी और दो लाख का चेक दिया जो बाउंस हो गया।
ऐसे खुला मामला
क्राइम ब्रांच ने एक चोरी के मामले में दाहिया भाइयों में से एक को हिरासत में लिया था। उसके पास मिले मोबाइल में युवती से चेटिंग मिली। जब क्राइम ब्रांच के अफसर ने छात्रा को बुलाया तो उसने बताया कि वह भोपाल पुलिस के ही थानेदार की बेटी है तो थानेदार को बुलाकर पूरा मामला समझा और फिर मामला आला अफसरों के संज्ञान में लाया गया। इसके बाद बागसेवनिया पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। आरोपित के हिरासत में आने के बाद इस तरह से और भी लड़कियों को फंसाने के मामले सामने आ सकते हैं।
बीमारी के नाम पर मां के जेवर लेकर गिरवी रख दिए
आरोपित प्रतीक और प्रशांत सगे भाई हैं। दोनों नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के छात्र हैं। प्रशांत ने मार्च 2018 में एक बार फिर छात्रा को फोन कर प्रतीक की बीमारी का झांसा देकर रुपये मांगे। रुपये नहीं होने के कारण छात्रा ने प्रतीक के दोस्त बागसेवनिया निवासी पृथ्वी शर्मा पिता अशोक शर्मा, नितिन सूर्यवंशी और सौरभ रघुवंशी को मां के गहने दे दिए। इसके बाद दोबारा इन लोगों ने छात्रा को धमकाया और उससे दो सोने की चेन भी ले गए। इनको आरोपित ने एक गोल्ड फाइनेंस कंपनी में गिरवी रख दिया था।
रेलवे में नौकरी के नाम पर दो लाख लिए
जून 2018 में छात्रा ने रेलवे में नौकरी का फार्म भरा था। एक बार फिर ये सभी आरोपित सिंट्रो पिता देवदास राघवन निवासी सागर एवेंन्यू अयोध्या के साथ छात्रा के घर पहुंचे। सभी आरोपितों ने छात्रा से कहा कि सौरभ रघुवंशी के पिता खिलान सिंह रघुवंशी डीआरएम आफिस में रेलवे कर्मचारी हैं। उनकी डीआरएम से अच्छी सेटिंग है। वह उसकी नौकरी रेलवे में लगवा देंगे। भरोसा करके छात्रा ने 40 हजार रुपये अपने थानेदार के पिता के एटीएम से निकालकर दे दिए। आरोपितों ने छात्रा से झांसा देकर डेढ़ लाख रुपये पेटीएम और एटीएम के जरिए प्रशांत के दोस्त अनूप सागर के अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए।
रुपये जमा करने का झांसा देकर निकाल लिए डेढ़ लाख
छात्रा का कहना है कि चेक बाउंस होने के बाद उसने प्रतीक को बताया तो उसने बोला कि वह ऑनलाइन ट्रांसफर कर देता है। अपने पिता का एटीएम लेकर आ जाओ। जब छात्रा ने पिता का एटीएम आरोपित को दिया तो आरोपित ने फिर से डेढ़ लाख और निकाल लिए। इसके बाद गिरवी रखे जेवरात छुड़ाने के बहाने 40 हजार और ले लिए।
मेरी आईडी से सट्टा भी खेला
छात्रा का कहना है कि आरोपित ने उसे ब्लेकमेल कर रुपये तो हड़प ही लिए, उसका दैहिक शोषण भी किया। इतने पर भी उनका मन नहीं भरा तो उसकी आईडी से ऑनलाइन सट्टा भी खेला। आरोपित ने उसे धमकाया भी अगर पुलिस में शिकायत की तो फंसा देंगे।
हफ्तेभर से लगा रही थी थाने के चक्कर
पीड़िता भोपाल पुलिस के एक थानेदार की बेटी है। इसके बावजूद वह अपने साथ हुई इस धोखाधड़ी और ज्यादती की एफआईआर कराने एक हफ्ते से थाने के चक्कर लगा रही थी। बागसेवनिया पुलिस मामले में एफआईआर दर्ज करने के वजाय आरोपितों की तरफ से वकालत कर रही थी।