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'भारत के DNA में भेदभाव नहीं, हिंदुस्‍तान में अल्पसंख्यक सबसे ज्यादा सुरक्षित'

दिल्ली के आर्कबिशप ने कर्नाटक चुनाव से कुछ दिनों पहले पत्र लिखा था। उनका कहना था कि देश में विध्वंसकारी राजनीतिक माहौल बना हुआ है।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 24 May 2018 08:33 PM (IST)Updated: Thu, 24 May 2018 08:33 PM (IST)
'भारत के DNA में भेदभाव नहीं, हिंदुस्‍तान में अल्पसंख्यक सबसे ज्यादा सुरक्षित'
'भारत के DNA में भेदभाव नहीं, हिंदुस्‍तान में अल्पसंख्यक सबसे ज्यादा सुरक्षित'

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि विश्व के किसी भी देश की अपेक्षा अल्पसंख्यक भारत में ज्यादा सुरक्षित हैं। हालांकि उन्होंने दिल्ली के आर्कबिशप अनिल कुटो के बयान पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। उनका कहना था कि हमें उन लोगों से बचना होगा, जो इस तरह के बयान जारी कर रहे हैं। इससे देश का माहौल खराब होता है।

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नकवी ने यह बात चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के सदस्यों के साथ बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सभी वर्गों के लिए काम कर रही है। किसी के प्रति भेदभाव नहीं बरता जा रहा है। देश में डर का वातावरण नहीं है। उनका कहना था कि सरकार सबका साथ सबका विकास के नारे के साथ काम कर रही है। भारत के डीएनए में भेदभाव है ही नहीं।

दिल्ली के आर्कबिशप ने कर्नाटक चुनाव से कुछ दिनों पहले पत्र लिखा था। उनका कहना था कि देश में विध्वंसकारी राजनीतिक माहौल बना हुआ है। इससे लोकतांत्रिक मूल्यों को खतरा पैदा हो रहा है। आर्कबिशप का ये भी कहना था कि भारत में कई समुदाय रहते हैं और उनके बीच प्यार व सद्भाव कायम है, लेकिन इस राजनीतिक माहौल के चलते इसे ठेस लगने का पूरा खतरा है। उन्होंने एक प्रार्थना मुहिम चलाने की बात भी कही थी। कई धार्मिक संगठनों को लिखे पत्र में 2019 चुनाव का हवाला दिया गया था। आर्कबिशप ने ईसाई समुदाय के लोगों का आह्वान किया था कि वे हर शुक्रवार को उपवास रखें।


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