केंद्र सरकार ने किया साफ, पांच अप्रैल को बिजली बंदी से ग्रिड प्रभावित होने का कोई खतरा नहीं
केंद्र सरकार ने कहा पांच अप्रैल को लाइटें बंद रखने ग्रिड प्रभावित होने की आशंकाएं गलत
नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पांच अप्रैल को रात 9:00 से 9:09 बजे के बीच स्वेच्छा से लाइटें बंद रखने की अपील की है। कुछ रिपोर्टों में ऐसी आशंकाएं व्यक्त की गई हैं कि इससे वोल्टेज में उतार-चढ़ाव के कारण ग्रिड प्रभावित हो सकते हैं जिससे बिजली के उपकरणों को नुकसान भी हो सकता है। अब विद्युत मंत्रालय ने बयान जारी करके स्पष्ट किया है कि ऐसी आशंकाएं गलत हैं।
PM has appealed to voluntarily switch off lights between 9:00 p.m to 9:09 pm on April 5. Some apprehensions have been expressed that this may cause instability in grid&voltage fluctuation which may harm electrical appliances.These apprehensions are misplaced:Ministry of Power pic.twitter.com/T0oz8irM6M
— ANI (@ANI) April 4, 2020
वहीं सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली पारेषण कंपनी पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन (Power grid corporation) प्रधानमंत्री मोदी की बिजली बंदी की अपील को देखते हुए ग्रिड की स्थिरता को लेकर पहले से ही सक्रिय है। उसने पहले ही किसी प्रकार की समस्या नहीं आने का भरोसा दिया है। सूत्रों की मानें तो बिजली मंत्री आरके सिंह ने पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन (Power grid corporation) एवं अन्य संबंधित पक्षों के साथ इस मसले पर बातचीत की है।
बीते दिनों प्रधानमंत्री ने देश के नाम अपने संदेश में पांच अप्रैल को रात नौ बजे स्वेच्छा से नौ मिनट तक बिजली बंद करने और दीया जलाकर, टार्च या मोबाइल से रोशनी करने की अपील की। इसके बाद ऐसी खबरें आई थीं कि इससे ग्रिड की स्थिरता प्रभावित हो सकती है। सूत्रों की मानें तो इन रिपोर्टों के बाद बिजली मंत्री आरके सिंह ने पीजीसीआईएल और अन्य संबंधित पक्षों के साथ इस मसले पर चर्चा की जिसके बाद अब सरकार का बयान सामने आया है।
बिजली मंत्रालय के सूत्रों का भी कहना है कि आपदा के समय भी उतार-चढ़ाव की समस्या से ग्रिड दो चार होती है लेकिन इसकी स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने दिया जाता है। वैसे बिजली विभाग का पूरा अमला इस बारे में पहले ही सक्रिय हो गया है। बिजली मंत्रालय की ओर से जारी आंकडों की मानें तो बीते दो अप्रैल को बिजली की मांग 25 फीसद घटकर 1,25,810 मेगावाट रह गई थी। पिछले साल दो अप्रैल बिजली की मांग 1,68,320 मेगावाट थी।