Move to Jagran APP

गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिए ट्रांसजेंडरों की सुरक्षा, पुनर्वास के दिशा-निर्देश

केंद्रीय गृह मंत्रालय(Ministry of Home Affairs) ने ट्रांसजेंडरों की सुरक्षा और पुनर्वास को लेकर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसको लेकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा गया है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 11:29 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 11:59 AM (IST)
गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिए ट्रांसजेंडरों की सुरक्षा, पुनर्वास के दिशा-निर्देश
केंद्रीय गृह मंत्रालय(Ministry of Home Affairs)। (फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय गृह मंत्रालय(Ministry of Home Affairs) ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को ट्रांसजेंडरों की सुरक्षा, पुनर्वास को लेकर दिशा-निर्देश दिए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के सभी मुख्य सचिवों को एक पत्र लिखा है, जिसमें ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों की सुरक्षा है और उन्हें इस संबंध में पुलिस और जेल अधिकारियों को संवेदनशील बनाने का निर्देश दिया गया है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि सभी राज्यों को ट्रांसजेंडरों की सुरक्षा और पुनर्वास की आवश्यकता है।

loksabha election banner

गृह मंत्रालय ने कहा कि कानून राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा न केवल कल्याणकारी उपायों के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाने की जरूरत है, बल्कि एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति के बचाव, संरक्षण और पुनर्वास के लिए उठाए जाने वाले कदम भी उठाए जा सकते हैं।

गृह मंत्रालय(Ministry of Home Affairs) ने अपने दिशा-निर्देश में कहा है कि ट्रांसजेंडर्स (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) एक्ट, 2019 की धारा 18 के तहत, यह किसी के लिए किसी भी अनिवार्य सेवा के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को जबरन या बंधुआ मजदूरी के कार्य में लिप्त होने के लिए मजबूर करने या किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति को फंसाने की स्थिति में दंडनीय अपराध है।

अधिनियम का विवरण देते समय गृह मंत्रालय ने कहा कि यदि कोई किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति को सार्वजनिक स्थान पर जाने के अधिकार से वंचित करता है या ऐसे व्यक्ति को किसी सार्वजनिक स्थान पर जाने या उपयोग करने से रोकता है, जहां अन्य सदस्यों के पास पहुंच या उपयोग करने का अधिकार है, तो या एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को घर, गांव या अन्य निवास स्थान छोड़ने का कारण बनता है, यह भी दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।

गृह मंत्रालय ने बताया कि जीवन, सुरक्षा, स्वास्थ्य या कल्याण को नुकसान पहुंचाने या चोट पहुंचाने, चाहे ट्रांसजेंडर व्यक्ति का मानसिक या शारीरिक, शारीरिक शोषण, यौन शोषण, मौखिक और भावनात्मक दुर्व्यवहार और आर्थिक शोषण सहित कार्य करने के लिए प्रवृत्त करना दंडनीय अपराध है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.