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नए कोरोना स्ट्रेन के खिलाफ भी कारगर होंगी मौजूदा वैक्सीन, जानिए इसको लेकर और क्या हैं विशेषज्ञों की राय

प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन कहा कि अभी ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है कि वायरस के नए स्वरूप के खिलाफ मौजूदा वैक्सीन फेल हो जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेन में पाया गया वायरस का नया वैरिएंट अधिक संक्रामक है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 04:25 PM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 10:12 PM (IST)
नए कोरोना स्ट्रेन के खिलाफ भी कारगर होंगी मौजूदा वैक्सीन, जानिए इसको लेकर और क्या हैं विशेषज्ञों की राय
ब्रिटेन में पाए गए कोरोना के नए स्ट्रेन में भी सक्षम है वैक्सीन

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप के खिलाफ भी मौजूदा वैक्सीन कारगर होंगी। अभी तक इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है कि अभी जो वैक्सीन विकसित की जा रही हैं, वो ब्रिटेन या दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोना वायरस के नए स्वरूप के खिलाफ काम नहीं करेंगी।

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प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन ने दावा किया कि ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में वायरस में आए म्यूटेशन का प्रभाव वैक्सीन पर नहीं पड़ेगा। उनके अनुसार वायरस के स्पाइक प्रोटीन पर आधारित वैक्सीन भी कारगर रहेगी, क्योंकि यह शरीर में पूरे स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार करती है। जबकि वायरस में म्यूटेशन से स्पाइक प्रोटीन के कुछ भागों में ही परिवर्तन आया है।

उन्होंने कहा कि अभी ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है कि वायरस के नए स्वरूप के खिलाफ मौजूदा वैक्सीन फेल हो जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेन में पाया गया वायरस का नया वैरिएंट अधिक संक्रामक है। लेकिन चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।

कोवैक्सीन भी होगी कारगर

स्वदेशी टीका कोवैक्सीन विकसित करने वाली हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कृष्ण एल्ला ने कहा है कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप के खिलाफ उनकी वैक्सीन काम कर सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस में बहुत ज्यादा बदलाव होने की उम्मीद है और आप निश्चिंत हो सकते हैं कि यह टीका भी रक्षा करेगा। वैक्सीन में दो ऐसे निष्कि्रय घटक हैं जो बदलाव के खिलाफ कारगर होंगे।

जीनोम अनुक्रमण को लेकर देश में 10 प्रयोगशालाएं

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि INSACOG एक महत्वपूर्ण विकास की स्थापना है, जो देश भर में सरकार की 10 प्रयोगशालाओं का एक संघ है जो कोरोना के जीनोम अनुक्रमण के साथ-साथ उस वायरस के किसी भी प्रकार का अनुक्रमण करता है। ये प्रयोगशालाएं आईसीएमआर, बायोटेक इंडिया, सीएसआईआर से संबंधित हैं।

देश के सक्रिय मामलों का 60 फीसद से अधिक हिस्सा 5 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में है। लगभग 24 फीसद मामले केरल में, 21 फीसद महाराष्ट्र में, 5 फीसद से कुछ अधिक पश्चिम बंगाल में, लगभग 5 फीसद उत्तर प्रदेश में और 4.83 फीसद मामले छत्तीसगढ़ में हैं।


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