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COVID-19: दवाओं व मेडिकल उपकरणों की सप्‍लाई व वितरण का हब बना दिल्‍ली अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट

कोविड-19 महामारी के लिए दिल्‍ली अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डे को दवाओं व मेडिकल उपकरणों के वितरण व सप्‍लाई का हब बना दिया गया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 23 Apr 2020 12:53 PM (IST)Updated: Thu, 23 Apr 2020 12:53 PM (IST)
COVID-19: दवाओं व मेडिकल उपकरणों की सप्‍लाई व वितरण का हब बना दिल्‍ली अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट
COVID-19: दवाओं व मेडिकल उपकरणों की सप्‍लाई व वितरण का हब बना दिल्‍ली अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट

नई दिल्‍ली, एएनआइ। नागरिक विमानन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने गुरुवार को दिल्‍ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डे (Delhi International Airport) को कोविड-19 (COVID-19) संबंधित तमाम मेडिकल सामानों के वितरण व आयात के लिए हब में परिवर्तित कर दिया है। हवाई अड्डे का 3800 वर्ग मीटर का एरिया इस काम के लिए दिया गया है।

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उल्‍लेखनीय है कि दिल्‍ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा महामारी की शुरुआत से ही चिकित्‍सा सामग्रियों के आयात व निर्यात की सुविधाएंं मुहैया कराने में मदद कर रहा है। यहां हर दिन 20-22 कार्गो विमान का संचालन हो रहा है। अब मंत्रालय की ओर से इसे औपचारिक तौर पर चिकित्‍सा सामग्रियों के आयात व निर्यात के लिए बड़े हब में परिवर्तित कर दिया गया है।

हवाई अड्डे पर हर दिन लगभग 20-22 कार्गो विमान चलाई जा रही हैं। दोहा, पेरिस, हांगकांग, शेंजान, शंघाई, गुआंगझू और इन्चेआन जैसी जगहों से आवाजाही जारी है। इन विमानों से मास्‍क, टेस्‍ट किट, दवाईयां समेत अन्‍य चिकित्‍सा सामग्री देश लाया जा रहा है। घातक वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए दिल्ली समेत देश के तमाम एयरपोर्ट पर 25 मार्च से यात्रियों की आवाजाही बंद है। देशभर में भारतीय एयरलाइनों समेत कुल 8 प्रमुख एयरलाइन हैं, जो देश-विदेश में विमान सेवाओं को संचालित करती है। देश में 600 से अधिक विमान हैं।

बता दें कि देश में गत 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के बाद से नागर विमानन महानिदेशालय (Directorate General of Civil Aviation) ने सिर्फ कार्गो और कुछ विशेष विमानों को ही भारतीय हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने की अनुमति दी। एयरलाइंस के बाकी विमान हवाई अड्डे पर ही खड़े हैं। एशिया के एसीआइ की प्रवक्ता सामंथा ने इसपर चिंता जताते हुए कहा था कि सबसे पहले विमान पार्किंग की समस्या आई और फिर इनके मेंटेनेंस व और रिसॉर्ट टैक्सीवे की समस्‍या भी आएगी।


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