आयुष मंत्रालय ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर, कोरोना से जुड़ी हर जानकारी ले सकेंगे मुफ्त
यह नंबर पूरी तरह से टोल फ्री है और कोरोना से जुड़ी जानकारियों के लिए जारी किया गया है। कोरोना परामर्श हेल्पलाइन नंबर सप्ताह के सभी दिनों में सुबह 6 बजे से आधी रात तक पूरे भारत में उपलब्ध रहेगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना महामारी के बीच आयुष मंत्रालय ने हेल्पलाइन 14443 नंबर जारी किया है। यह नंबर पूरी तरह से टोल फ्री है और कोरोना से जुड़ी जानकारी और सवालों के लिए जारी किया गया है। कोरोना परामर्श हेल्पलाइन नंबर सप्ताह के सभी दिनों में सुबह 6 बजे से आधी रात तक पूरे भारत में उपलब्ध रहेगा। यह जानकारी आयुष मंत्रालय द्वारा दी गई है।
AYUSH ministry operationalises toll-free COVID-19 counselling helpline number 14443. It will be available pan-India from 6 am till midnight on all days of the week.
— Press Trust of India (@PTI_News) May 21, 2021
हेल्पलाइन जारी करते हुए मंत्रालय ने बताया कि आयुष की विभिन्न धाराओं, जैसे आयुर्वेद, होम्योपैथी, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी और सिद्ध के विशेषज्ञ आम जनता के प्रश्नों के समाधान के लिए इस नंबर पर विशेषज्ञ हमेशा उपलब्ध होंगे। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये विशेषज्ञ न केवल रोगियों को परामर्श और व्यावहारिक उपचार प्रदान करेंगे, बल्कि उन्हें पास की आयुष सुविधाओं की उपलब्धता के बारे में भी मार्गदर्शन करेंगे।
हेल्पलाइन इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस से आधारित है और वर्तमान में हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में उपलब्ध है। समय के साथ अन्य भाषाओं को जोड़ा जाएगा। हेल्पलाइन शुरू में एक साथ 100 कॉल उठाएगी और भविष्य में जरूरत के मुताबिक क्षमता बढ़ाई जाएगी।
बता दें कि विशेष रूप से आयुष प्रणाली स्वास्थ्य और लोगों के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से हैं और देश में औपचारिक रूप से मान्यता प्राप्त हैं।
24 घंटे के अंदर देश में 2.59 लाख कोरोना के नए मामले
देश में कोरोना के मामलों की बात करें तो लगातार पांचवे दिन तीन लाख से कम मामले सामने आए हैं। हालांकि, इस दौरान मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। देश में बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 2.59 लाख नये मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही कुल मामलों की संख्या बढ़कर 2.60 करोड़ हो गई। इस दौरान 4209 लोगों की मौत भी हुई है।इसके साथ ही पिछले सात दिन से नए मामलों की अपेक्षा ठीक होने वालों की संख्या अधिक रही।