Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

दाऊद पर दिये बयान से पलटे गृह राज्यमंत्री हरिभाई चौधरी

अंडरव‌र्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के पाकिस्तान में होने के रुख से उलट लोकसभा में लिखित बयान देने वाले गृह राज्यमंत्री हरीभाई परथीभाई चौधरी ने अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि इसमें कोई शक नहीं है कि दाऊद पाकिस्तान में है।

By Sanjay BhardwajEdited By: Updated: Wed, 06 May 2015 03:01 PM (IST)
Hero Image

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अंडरव‌र्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के पाकिस्तान में होने के रुख से उलट लोकसभा में लिखित बयान देने वाले गृह राज्यमंत्री हरीभाई परथीभाई चौधरी ने अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि इसमें कोई शक नहीं है कि दाऊद पाकिस्तान में है। डॉन के बारे में अनभिज्ञता जाहिर करने की भारी भूल के बाद नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की ओर से बुधवार को नया बयान भी दिया जा सकता है।

पांच महीने पहले ही 22 दिसंबर 2014 को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में कहा था कि देश में दाऊद इब्राहिम सबसे अधिक वांछित आतंकी है। सरकार ने फिर से पाकिस्तान को उसे भारत के हवाले करने को कहा है। उसी दिन गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने दिल्ली में कहा था कि मुंबई के 1993 के धमाके में वांछित दाऊद के खिलाफ पाकिस्तान को पर्याप्त सबूत सौंपे जा चुके हैं और वह अब उसे भारत के हवाले कर दे।

हरिभाई परथीभाई चौधरी बयान से पलटे

गृह राज्यमंत्री हरीभाई परथीभाई चौधरी दाऊद इब्राहिम पर दिये अपने बयान से पलट गए। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि दाऊद पाकिस्तान में है, लेकिन पाकिस्तान में वो कहां है। बता दें कि मंगलवार को गृह राज्यमंत्री हरीभाई चौधरी ने कहा था कि सरकार को उसके ताजा ठिकाने की कोई जानकारी ही नहीं है। दाऊद इब्राहिम के प्रत्यर्पण के लिए तभी प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी जब उसके ठिकाने का पता हो। चौधरी ने भाजपा सांसद नित्यानंद राय के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी थी।

हरिभाई का बयान सही नहीं:

गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्वीकार किया कि हरीभाई परथीभाई चौधरी का लोकसभा में दिया लिखित बयान सही नहीं है। उन्होंने कहा कि गृहमंत्रालय के पास दाऊद की गतिविधियों के बारे में ठोस सबूत खुफिया एजेंसियों के पास हैं और समय-समय पर पाकिस्तान को ये सबूत दिए जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंतिम बार 2012 में भारत की ओर से पाकिस्तान को सौंपे गए डोजियर में दाऊद के पाक स्थित तीन ठिकानों के विस्तृत पते और वहीं से जारी तीन अलग-अलग पासपोर्ट का ब्योरा शामिल था। इसलिए यह कहना सरासर गलत है कि भारत को दाऊद के मौजूदा ठिकाने के बारे में जानकारी नहीं है।

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर एमएन सिंह ने भी कहा कि गृह मंत्रालय का यह बयान शर्मसार करने वाला है। हमारी खुफिया एजेंसियां बहुत पहले साबित कर चुकी हैं कि दाऊद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की निगहबानी में है।

सामंजस्य की कमी उभरी:

वैसे इस घटना से गृह मंत्रालय के विभिन्न विभागों में आपसी सामंजस्य की कमी साफ उजागर हो गई है। दरअसल यह जवाब आंतरिक सुरक्षा के संयुक्त सचिव (द्वितीय) ने तैयार किया था। जबकि दाऊद की ताजा गतिविधियों पर नजर रखने का काम आंतरिक सुरक्षा के संयुक्त सचिव (प्रथम) के अधीन आता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यदि संयुक्त सचिव (द्वितीय) जवाब देने के पहले संयुक्त सचिव (प्रथम) से संपर्क कर लेते तो ऐसी गलती नहीं होती।

भरपाई की कोशिश:

गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी अब गलतबयानी से हुए नुकसान की भरपाई की कोशिश में जुट गए हैं। इस सिलसिले में एक उच्च स्तरीय बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक में हरीभाई परथीभाई चौधरी के साथ-साथ गृह सचिव एलसी गोयल समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बुधवार को सरकार की ओर लोकसभा में दाऊद के पाकिस्तान में होने और उसके ठिकाने की जानकारी होने का बयान दिया जा सकता है।

पढ़ें : दाऊद समर्पण मामले में शरद पवार ने साधी चुप्पी

पढ़ें : भारत ने पाक से मांगा दाऊद