Namami Gange Mission: गंगा नदी पर गुड न्यूज, पढ़ें कैसे मील का पत्थर साबित हुईं यूपी-बिहार की चार परियोजनाएं
यूपी और बिहार की चार परियोजनाएं नमामि गंगे मिशन के लिए मील का पत्थर साबित हो रही हैं। इससे गंगा और रामगंगा नदियों के किनारे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रदूषण को कम किया जा सकता है। सभी परियोजनाओं को समय से दो-तीन महीने पहले पूरा कर लिया गया है। परियोजना के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण कराया गया है।
एएनआई, नई दिल्ली। नमामि गंगे मिशन गंगा नदी की शुद्धता और अविरलता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। इस वर्ष की पहली तिमाही में उत्तर प्रदेश और बिहार में चार प्रमुख परियोजनाएं सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी हैं और अब चालू हैं। ये परियोजनाएं नमामि गंगे मिशन के लिए मील का पत्थर साबित हो रही हैं। इससे गंगा और रामगंगा नदियों के किनारे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
समय से दो-तीन महीने पहले पूरी हुई परियोजनाएं
यूपी जल निगम की कार्यकारी अभियंता (ग्रामीण), कुमकुम गंगवार ने बताया कि सभी परियोजनाओं को समय से दो-तीन महीने पहले पूरा कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर, गाजीपुर और बरेली में 553.21 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृत तीन परियोजनाएं शु्रू हो गई हैं।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण
परियोजना के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण कराया गया है। इससे नगर निगम का दूषित जल जो पहले गंगा में बहाया जाता था, अब यहां उपचारित किया जाता है। इससे जहां गंगा स्वच्छ हो रही है, वहीं स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं।
नए एसटीपी से हुआ फायदा
नए एसटीपी से पानी की गुणवत्ता में सुधार और प्रदूषण को कम करके स्थानीय समुदायों को बहुत लाभ पहुंचाया गया है। बेहतर घाटों और स्वच्छ नदियों ने अधिक पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित किया है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि हुई है। इसके अलावा बिहार के मुंगेर में 523 करोड़ रुपये की स्वीकृत परियोजना को समय से पहले पूरा कर लिया गया है। इससे गंगा को स्वच्छ करने में मदद मिल रही है। नमामि गंगे मिशन के चल रहे प्रयासों का उद्देश्य स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करते हुए गंगा नदी को पुनर्जीवित और संरक्षित करना है।