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Mid-day meal:सरकारी स्कूलों में अब बच्चों को दोपहर के भोजन के साथ ही सुबह का नाश्ता भी मिलेगा

सरकारी स्कूलों में छात्रों को अब दोपहर के भोजन के साथ ही सुबह का नाश्ता भी मिलेगा। जिसकी तैयारी शुरु हो गई है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 09:50 PM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 09:50 PM (IST)
Mid-day meal:सरकारी स्कूलों में अब बच्चों को दोपहर के भोजन के साथ ही सुबह का नाश्ता भी मिलेगा
Mid-day meal:सरकारी स्कूलों में अब बच्चों को दोपहर के भोजन के साथ ही सुबह का नाश्ता भी मिलेगा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अब दोपहर के भोजन के साथ ही सुबह का नाश्ता भी मिलेगा। जिसकी तैयारी शुरु हो गई है। बजट में भी इसे लेकर प्रस्ताव किया जा रहा है। साथ ही नई शिक्षा नीति के फाइनल ड्राफ्ट में इसे प्रमुखता से रखा गया है। वहीं स्कूली बच्चों के लिए खाना बनाने का काम शिक्षकों की जगह स्वयंसेवी संस्थाओं को भी पूरी तरह से सौंपने की तैयारी की जा रही है। फिलहाल कई राज्यों में स्वयंसेवी संस्थाओं को इस काम में लगाया भी गया है।

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मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक आने वाले बजट में इसकी घोषणा की सकती है। इसके साथ ही बच्चों को नाश्ते में क्या दिया जा सकता है, इसे लेकर भी राज्यों से सुझाव लिए जा रहे है। सूत्रों के मुताबिक स्कूली बच्चों को नाश्ता देने का यह प्रस्ताव इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि मौजूदा समय में ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे पढ़ने के लिए आते है, जो सुबह का नाश्ता करके नहीं आते है। ऐसे में उन्हें दोपहर का खाना मिलने तक भूखा रहना होता है। यह पूरी कवायद बच्चों को भूख से बचाने की है।

इसके साथ ही स्कूलों में खाने बनाने का काम शिक्षकों से छीनकर गैर-सरकारी या स्वयंसेवी संस्थाओं के जिम्मे सौंपने की तैयारी है। यह इसलिए भी किया जा रहा है, क्योंकि मौजूदा समय में शिक्षकों के जिम्मे यह काम होने से वह बच्चों की पढ़ाई पर पूरा ध्यान नहीं दे पाते है। ऐसे में स्कूलों का लर्निग आउटकम लगातार बिगड़ रहा है। यही वजह है कि सरकार अब शिक्षकों को सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई के काम में भी रखना चाहती है।

मिड-डे मील को लेकर यह सरकार के स्तर पर यह सारी कवायद ऐसे समय चल रही है, जब इसे लेकर आए दिन इसके खाने की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें आती रहती है। हालांकि इसकी गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे है। इनमें सामाजिक भागीदारी से जुड़े प्रयास भी किए गए है। जिसके तहत एक कमेटी गठित की गई है। जिसमें गांव के प्रबुद्ध लोगों के साथ अभिभावकों को भी रखा गया है।


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