जिंदगी और मौत के बीच था 45 सैकेंड का फासला, खत्म हो सकती थी 300 जिंदगियां
बांग्लादेश के एयर स्पेस में तीन दिन पहले ऐसी घटना हुई जिससे 300 लोगों की जिंदगी दांव पर लग गई। महज 45 सैकेंड के फासले पर खड़ी मौत को एक अधिकारी की सजगता के चलते ही बचाया जा सका।
नई दिल्ली (जागरण स्पेशल)। कुछ दिन पहले ही इंडोनेशिया और अफगानिस्तान में हुए विमान हादसों ने सभी का ध्यान इस तरह की घटनाओं की ओर खींचा है। इन दोनों घटनाओं में दो से अधिक लोगों की मौत हुई थी। वहीं बांग्लादेश के एयर स्पेस में तीन दिन पहले ऐसी घटना हुई जिससे 300 लोगों की जिंदगी दांव पर लग गई। महज 45 सैकेंड के फासले पर खड़ी मौत को एक अधिकारी की सजगता के चलते ही बचाया जा सका। दरअसल, बांग्लादेश के हवाई क्षेत्र में दो इंडिगो विमान बेहद करीब आ गए थे। लेकिन ऐन वक्त पर एटीसी ने इन्हें तुरंत दूर होने का निर्देश दिया जिसकी वजह से 300 लोगों की जान बच गई।
इंडिगो ने जानकारी से किया इंकार
इस पूरी घटना की जानकारी खुद एयरपोर्ट अथॉरिटी (एएआई) के अधिकारियों द्वारा दी गई। हालांकि इंडिगो एयरलाइंस ने इस पूरी घटना पर अनभिज्ञता जाहिर की है। एयरपोर्ट ऑथरिटी की मानें तो बांग्लादेश के सीमावर्ती हवाई क्षेत्र में इंडिगो के दो विमान इतने करीब आ गए थे कि वे टकराते-टकराते बचे। इस संभावित टक्कर से केवल 45 सैकेंड पहले, कोलकाता में एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) टावर ने एक विमान को दाहिनी ओर मुड़ने और दूसरे विमान से दूर जाने का निर्देश दिया जो उसी ऊंचाई पर आ रहा था।
खतरा बन गए थे दो विमान
जानकारी के मुताबिक यह दोनों विमान एक दूसरे के लिए इस कदर खतरा बन चुके थे कि यदि कुछ सैकेंड और बीत जाते तो बांग्लादेश के आसमान से जले हुए शव धरती पर गिर रहे होते। बेहद करीब आने वाले दो विमानों में से एक विमान चेन्नई से गुवाहाटी जा रहा था और दूसरा गुवाहाटी से कोलकाता जा रहा था। यह घटना शाम करीब पांच बजकर दस मिनट की है। जिस वक्त यह घटना घटी उस समय, कोलकाता की उड़ान बांग्लादेश हवाई क्षेत्र में 36,000 फीट की ऊंचाई पर और दूसरा विमान भारतीय हवाई क्षेत्र में 35,000 फीट की ऊंचाई पर था।
बांग्लोदश एटीसी के निर्देशों का किया था पालन
बांग्लादेश एटीसी ने कोलकाता की उड़ान से 35,000 फीट तक आने के लिए कहा था और जब विमान ने आदेश का पालन किया तो यह उस विमान के बेहद करीब आ गया था जो 35,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। कोलकाता में एक एटीसी अधिकारी ने इसे देखा और तत्काल चेन्नई-गुवाहाटी उड़ान को दाहिनी ओर मोड़ने और उतरने वाले विमान के रास्ते से दूर जाने का आदेश दिया, जिससे बड़ी दुर्घटना होते-होते टल गई।
चेन्नई में भी घटी थी ऐसी ही घटना
आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं था कि जब इंडिगो के विमानों के साथ ऐसा हुआ हो। इससे पहले इसी वर्ष मई में चेन्नई के आसमान में दो ऐसी ही एक घटना हुई थी जब इंडिगो का यात्री विमान और वायुसेना का एक विमान बेहद करीब आ गए थे। लेकिन ऐन मौके पर विमान में स्वत: संचालित चेतावनी के जारी होते ही इस हादसे को टाला जा सका। यह घटना 21 मई की है, जब दोनों विमान एक-दूसरे से महज 300 फीट ही दूर थे। इसके चलते इंडिगो के पायलट के लिए स्वत: एक चेतावनी जारी हुई। इससे सचेत होकर इंडिगो का पायलट तुरंत ही विमान को सुरक्षित दूरी पर ले गया।
कर्नाटक के आसमान में नजदीक आए इंडिगो विमान
इससे घटना से पहले 10 मई को भी इसी तरह का हादसा होते होते बच गया था। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के आसमान में इंडिगो के दो विमान आमने-सामने आ गए थे। इस मामले में जांच के आदेश भी दिए गए थे। इनमें से एक विमान का संचालन कोयंबटूर-हैदराबाद के बीच था तो दूसरे का बेंगलुरु-कोच्चि के बीच। इसमें से एक विमान में 162 यात्री और दूसरे में 166 यात्री सवार थे। यह दोनों विमान की दूरी हवा में महज 200 फीट की दूरी पर थी। यहां पर ये बताना भी जरूरी है कि रेजुलुशन एडवाइजरी (आरए) नाम की यह चेतावनी कॉकपिट में पायलट के लिए खुद ही जारी हो जाती है। इसमें बताया जाता है कि पायलट कैसे विमान का संचालन आटो मोड से अपने हाथ में ले और विमान की टक्कर को रोक दे।