बरहमदाग बुगती ने मांगी भारत में शरण, गृह मंत्रालय कर रहा विचार
बलूच रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष बरहमदाग बुगती के भारत में राजनीतिक शरण के आवेदन पर गृह मंत्रालय विचार कर रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्विट्जरलैंड में निर्वासित जीवन जी रहे बलूच नेता और बलूच रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष बरहमदाग बुगती के भारत में राजनीतिक शरण के आवेदन पर गृह मंत्रालय ने विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। तीन दिन पहले बुगती ने स्विट्जरलैंड स्थित भारतीय दूतावास में राजनीतिक संरक्षण के लिए आवेदन किया था। विदेश मंत्रालय ने इसे कार्रवाई के लिए गृह मंत्रालय के पास भेज दिया था। पूरी दुनिया में बलूचिस्तान की आजादी पर समर्थन जुटाने के लिए बुगती भारत में राजनीतिक शरण की मांग कर रहे हैं।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बरहमदाग बुगती का राजनीतिक शरण मांगने संबंधी आवेदन मिल गया है और उस पर विचार किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने साफ कर दिया कि यह एक कूटनीतिक फैसला होगा और जाहिर है ऊंचे स्तर पर ही लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके पहले 1959 में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा और उनके अनुयाइयों को शरण दी गई थी। अब गृह मंत्रालय के अधिकारी दलाई लामा को राजनीतिक शरण दिए जाने की फाइल निकालकर इसकी प्रक्रिया का अध्ययन कर रहे हैं।
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बरहमदाग बुगती बलूचों के सम्मानित नेता नवाब अकबर बुग्ती के पोते हैं। अकबर बुगती को 2006 में पाक सेना ने रॉकेट के हमले में मार दिया था। स्विट्जरलैंड में निर्वासित जीवन जी रहे बरहमदाग बुग्ती को दूसरे देशों में आने-जाने की इजाजत नहीं है। जबकि बरहमदाग का कहना है कि बलूचिस्तान की आजादी के लिए दुनियाभर में समर्थन जुटाने के लिए उनका सभी देशों में आना-जाना जरूरी है। यदि भारत उन्हें राजनीतिक शरण देता है, तो वह भी दलाई लामा की तरह पूरी दुनिया में घूम सकते हैं।
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