महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों से निपटने की क्षमता बढ़ाएं, गृह मंत्रालय ने दिए निर्देश
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेशों व राज्यों से अनुरोध किया है कि महिलाओं से जुड़े मामलों में कार्रवाई जल्द से जल्द शुरू करने और उनकी निरंतर निगरानी के लिए उपयुक्त दिशा निर्देश जारी किए जाएं ।
नई दिल्ली, एएनआइ। गृह मंत्रालय (MHA) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों से निपटने के लिए अपनी क्षमता को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने महिलाओं की सुरक्षा को को लेकर पूर्व में जारी निर्देशों के जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन के संबंध में एक स्टेटस नोट भी मांगा है। मंत्रालय ने राज्यों से अनुरोध किया है कि महिलाओं से जुड़े मामलों में कार्रवाई जल्द से जल्द शुरू करने और उनकी निरंतर निगरानी के लिए उपयुक्त दिशा निर्देश जारी किए जा सकते हैं।
मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी मुख्य सचिवों, गृह सचिवों, पुलिस महानिदेशकों को एक हालिया परिपत्र के माध्यम से देश भर में महिलाओं को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता पर बल देते हुए अपने एजेंडे को संप्रेषित किया। पिछले हफ्ते सर्कुलर जारी करते हुए गृह मंत्रालय ने 10 मई, 2013 से 30 जून, 2021 के बीच सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जारी अपनी आठ सलाहों का भी उल्लेख किया, जिसमें महिलाओं के खिलाफ अपराधों से जुड़ी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) की ओर उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए कहा गया था।
मंत्रालय ने संसदीय स्थायी समिति की 233वीं रिपोर्ट का हवाला देते हुए महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए तंत्र को मजबूत करने के लिए अपनी कई सिफारिशों को भी याद दिलाया है। इस माह के शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण कानून के तहत बुनियादी ढांचे में खामियों को दूर करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा था।
एनजीओ वी द वीमेन आफ इंडिया की ओर से यह याचिका दायर की गई थी। इस एनजीओ ने देशभर में शादी के बाद दुर्व्यवहार सहने वाली महिलाओं को कानूनी मदद और आश्रय गृह मुहैया कराने के लिए घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम के तहत बुनियादी ढांचे में व्यापक पैमाने पर मौजूद खामियों को दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।