एमजीपी ने गोवा सरकार से समर्थन वापस लिया, CM सावंत ने कहा- भ्रष्टाचार दूर हो गया
एमजीपी की सेंट्रल कमेटी ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन करने का प्रस्ताव पारित किया था। एमजीपी का भाजपा के साथ 2012 से गठबंधन रहा है।
पणजी, आइएएनएस/प्रेट्र। महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) ने गोवा में भाजपा की अगुआई वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। यह जानकारी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष दीपक धावलीकर ने शुक्रवार को दी। धावलीकर ने कहा, 'पार्टी ने औपचारिक रूप से गोवा सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला ले लिया है। राज्यपाल मृदुला सिन्हा को इस संबंध में किसी भी समय पत्र सौंपा जाएगा।'
एक दिन पहले एमजीपी की सेंट्रल कमेटी ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन करने का प्रस्ताव पारित किया था। एमजीपी का भाजपा के साथ 2012 से गठबंधन रहा है। 2007 से 12 तक पार्टी कांग्रेस के साथ थी। लेकिन, मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर के निधन के बाद भाजपा के साथ इसके मतभेद पैदा हो गए।
प्रमोद सावंत के मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद एमजीपी के वरिष्ठ नेता सुदीन धावलीकर को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। इसके बाद तीन विधायकों वाली एमजीपी में विभाजन का खतरा पैदा हो गया। पार्टी के दो विधायक भाजपा में शामिल हो गए। उसी दिन एकमात्र एमजीपी विधायक धावलीकर को उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया।
बनी रहेगी भाजपा सरकार
वर्तमान में गोवा विधानसभा में 36 विधायक हैं और एमजीपी के समर्थन वापस लेने बाद भी भाजपा सरकार बनी रहेगी। भाजपा के 14 विधायक हैं और उसे गोवा फारवर्ड पार्टी के तीन और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। इस तरह पार्टी को 20 विधायकों का समर्थन हासिल है। विपक्ष में कांग्रेस के पास 14 विधायक और एक राकांपा के अलावा अब एक एमजीपी विधायक हैं।
जो भ्रष्टाचार में डूबे थे वह दूर हो गए : सावंत
एमजीपी पर हमला बोलते हुए गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने पार्टी को भ्रष्टाचार में लिप्त बताया है। शिरोडा विधानसभा क्षेत्र में नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए सावंत ने कहा कि भ्रष्टाचार दूर हो गया है। उन्होंने एमजीपी के समर्थन वापस लेने की घोषणा के तुरंत बाद ही यह टिप्पणी की है।