राष्ट्रपति प्रणब ने दिया पहला जीवनदान
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कार्यभार संभालने के बाद पहली बार जीवनदान दिया है। दिल्ली के अतबीर की सजा-ए-मौत को उन्होंने उम्रकैद में तब्दील कर दिया है।
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कार्यभार संभालने के बाद पहली बार जीवनदान दिया है। दिल्ली के अतबीर की सजा-ए-मौत को उन्होंने उम्रकैद में तब्दील कर दिया है।
संपत्ति के एक विवाद में 1996 में अतबीर ने अपनी सौतेली मां, सौतेली बहन और सौतेले भाई की हत्या कर दी थी। 2004 में उसे दोषी करार देते हुए सत्र न्यायालय ने मौत की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी सत्र न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा था। दया याचिकाओं पर राष्ट्रपति कार्यालय की वेबसाइट पर दिए गए ब्यौरे के अनुसार, इस साल जून में गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से अतबीर की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने की सिफारिश की थी। दया याचिका पर विचार करते हुए 15 नवंबर को राष्ट्रपति ने सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। 5 नवंबर को राष्ट्रपति ने 26/11 हमलों के दोषी अजमल कसाब की दया याचिका को खारिज कर दिया था। बीते साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुनाई थी।
राष्ट्रपति भवन के मुताबिक, मुखर्जी ने नौ दया याचिकाओं पर और अधिक विचार करने के लिए उन्हें गृह मंत्रालय को वापस लौटाया है। इनमें संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की याचिका शामिल है। राष्ट्रपति के पास अब सिर्फ साईबन्ना निंगप्पा नाटिकर की याचिका लंबित है। नाटिकर पत्नी और बेटी की हत्या का दोषी है।
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