डॉक्टर के चैंबर में बैठा मानसिक रोगी, मरीजों की जांच कर लिख दी दवा
10 फरवरी को चैंबर नंबर 20 स्किन डॉक्टर हिमांशू बाथम का है। उनकी ड्यूटी पोस्ट मार्टम हाउस में लगी थी। इसलिए चैंबर खाली था। इस बीच एक मानसिक रोगी उनकी कुर्सी में जाकर बैठ गया।
छतरपुर, जेएनएन। जिला अस्पताल में लापरवाही चरम पर है। एक मानसिक रोगी डॉक्टर के खाली चैंबर में उनकी कुर्सी पर बैठकर मरीजों का इलाज करने लगा। प्रबंधन को जब पता लगा तो उन्होंने मानसिक रोगी को बाहर कर दिया। अब सिविल सर्जन सभी डॉक्टरों को जिम्मेदारी से अपना काम करने की नसीहत दे रहे हैं।
10 फरवरी को चैंबर नंबर 20 स्किन डॉक्टर हिमांशू बाथम का है। उनकी ड्यूटी पोस्ट मार्टम हाउस में लगी थी। इसलिए चैंबर खाली था। इस बीच एक मानसिक रोगी उनकी कुर्सी में जाकर बैठ गया। कुर्सी में बैठे युवक को लोगों ने डॉक्टर समझकर इलाज कराना शुरू कर दिया। लोगों के अनुसार उसने 10 से 12 मरीजों को पर्चे पर दवाएं भी लिखीं। मरीज पर्चे लेकर सरकारी मेडिकल स्टोर पर दवाएं लेने चले गए।
मेडिकल स्टोर में मौजूद कर्मचारी अनूप शुक्ला को पर्चे पर लिखी दवाओं पर शक हुआ तो उसने मरीजों से डॉक्टर का चैंबर नंबर पूछा। इसके बाद अनूप उस चैंबर में गए तो पता चला कि एक मानसिक रोगी डॉक्टर की कुर्सी पर बैठकर मरीजों का चेकअप कर रहा है।
प्रबंधन को सूचना मिलने पर अधिकारी आए और उसे बाहर कर दिया। अस्पताल में हुई घोर लापरवाही पर सिविल सर्जन डाक्टर एसके दीक्षित का कहना है कि युवक मानसिक रोगी था। चूंकि डॉक्टर हिमांशू की ड्यूटी पीएम हाउस में थी इसलिए उनका चैंबर खाली था। पता चलने पर उसको अस्पताल से बाहर कर दिया गया। सभी डाक्टरों व स्टाफ को नियमित रूप से जिम्मेदारी से ड्यूटी करने के निर्देश दिए गए हैं।