अफगानिस्तान से आए सिख नेता ने कहा, भारत लौटने के बाद मिला सुकून
अफगानिस्तान में सिख समुदाय के नेता सचदेवा को वहां अल्पसंख्यक समुदाय-हिंदू और सिखों के 10 सदस्यों के साथ अगवा कर लिया गया था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। अफगानिस्तान में बंधक बनाए जाने के दौरान यातना के शिकार हुए निदान सिंह सचदेवा भारत लौटने के बाद राहत और सुकून में हैं तथा वहां सामना किए जुल्मों की यादों से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि अब मैं अपने वतन लौट आया हूं।
अफगानिस्तान में सिख समुदाय के नेता सचदेवा को वहां अल्पसंख्यक समुदाय-हिंदू और सिखों के 10 सदस्यों के साथ पकतिया प्रांत से अगवा कर लिया गया था। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। भारत द्वारा वीजा और आने की सुविधा प्रदान करने के बाद वे रविवार को यहां आए। अफगानिस्तान में 18 जुलाई को रिहा किए गए सचदेवा ने कहा कि अपहरण के दौरान कई बार उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाती थी और उन्होंने जिंदा लौटने की आस छोड़ दी थी।
उन्होंने कहा, मेरे साथ मारपीट की गई और धमकी दी जाती थी। मुझसे कहते थे कि हम तुम्हारा सिर काटकर भारत भेज देंगे। सचदेवा ने कहा कि बंधक बनाए जाने के दौरान यातना को याद कर वह अब भी सिहर उठते हैं। उन्होंने कहा, हमने वहां पर बहुत सारी हिंसा का सामना किया। अब भी दहशत महसूस करता हूं। सचदेवा ने कहा, लेकिन अब भारत आ गया हूं। अब सारे दर्द और बंधक बनाए रखने के दौरान की सारी यातना को भूल जाना चाहता हूं। भारत को स्वर्ग बताते हुए उन्होंने यहां आने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए भारत सरकार का शुक्रिया अदा किया।
उन्होंने कहा, उस देश (अफगानिस्तान) में अब भी कई सिख भाई और बहनें हैं। मैं सरकार से उन्हें भी लाने का अनुरोध करता हूं। आने वालों में शामिल प्यारा सिंह ने कहा कि भारत हमारा घर है और मैं सरकार से सभी सिखों को लाने और उन्हें नागरिकता देने का अनुरोध करता हूं। वे सभी भारत आना चाहते हैं। हम यहां सुरक्षित महसूस करते हैं। गुरजीत सिंह ने कहा कि वह भारत में नई जिंदगी शुरू करने को लेकर आशान्वित हैं।