नतीजे की परवाह न करते हुए मीरा कुमार के चुनाव में रंग भरेंगे विपक्षी
मीरा कुमार का प्रचार अभियान कहां से शुरू होगा अभी तय नहीं हुआ है मगर विपक्षी रणनीतिकार सबसे पहले बिहार या उत्तरप्रदेश से इसका आगाज करने के पक्ष में है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद की सुनिश्चित दिख रही जीत के बावजूद विपक्ष अपनी उम्मीदवार मीरा कुमार के चुनाव अभियान को पूरी गंभीरता से सिरे चढ़ाएगा। इस रणनीति के तहत विपक्षी खेमे में शामिल सभी 17 पार्टियां मीरा कुमार का चुनाव प्रचार अभियान संयुक्त रुप से चलाएंगी। वहीं विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार ने राष्ट्रपति चुनाव की मतदाता सूची में शामिल सभी सांसदों और विधायकों से अपना वोट का उपयोग संविधान के बुनियादी सिद्धांतों के अनुरुप करने की अपील की है।
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की 17 पार्टियों की ओर से सर्वसम्मति से संयुक्त उम्मीदवार बनाए जाने को अपने लिए सम्मान की बात मानते हुए मीरा कुमार ने इसके लिए सोनिया गांधी समेत सभी नेताओं का आभार जताया है। विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवारी के तौर पर अपने नाम की घोषणा के एक दिन बाद शुक्रवार को मीरा कुमार ने एक बयान जारी कर यह बात कही। इस बयान में पूर्व लोकसभा स्पीकर ने राष्ट्रपति चुनाव के कोलिजियिम के सदस्यों को बहुलवादी विचारों और विविधता में एकता की संस्कृति को समेटने वाले संविधान के बुनियादी उसूलों की याद दिलाते हुए परोक्ष रुप से वोट देने के लिए अपने विवेक का इस्तेमाल करने की अपील भी की है।
मीरा कुमार ने यह भी कहा है कि राष्ट्रपति का पद किसी जाति, धर्म या संप्रदाय की सीमाओं से परे है और यह केवल सांकेतिक पद नहीं बल्कि संविधान की रक्षा का दायित्व राष्ट्रपति का है। इसीलिए इस पद की योग्यता में क्षमता और अनुभव के अलावा बाकी सारी चीजें गौण है। मीरा ने कहा कि वे सर्वसमावेशी नजरिया, सामाजिक न्याय और बहुलवादी विचारों के प्रति गहरी आस्था रखती हैं। उनके हिसाब से देश के सर्वोच्च संवैधानिक प्रतिनिधि के नाते राष्ट्रपति की इन मूल्यों के प्रति निष्ठा होनी चाहिए। विपक्षी राष्ट्रपति प्रत्याशी ने कहा कि इन मूल्यों को दरकिनार किया गया तो फिर संविधान की अनदेखी होगी और ऐसा हुआ तो भारत एक आधुनिक प्रगतिशील राष्ट्र का वह सपना पूरा नहीं कर पाएगा जिसकी बुनियाद हमारे संविधान के नीति-निर्माताओं ने रखी थी। इस बयान से साफ है कि भले ही विपक्ष ने अंतरात्मा की आवाज पर वोट की अपील नहीं की है मगर संविधान और बहुलवादी संस्कृति-विचारों के मुद्दे उठाकर राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के पाले में गए नीतीश कुमार जैसे नेताओं को आइना दिखाने की कोशिश की गई है।
राष्ट्रपति पद के लिए मीरा कुमार के नामांकन का कार्यक्रम फिलहाल 27 जून को तय किया गया है पर इसकी घोषणा नहीं की गई है। विपक्षी सूत्रों के अनुसार नामांकन की तैयारी के साथ मीरा कुमार के जुलाई पहले हफ्ते से चुनाव प्रचार अभियान की रुपरेखा बनाई जा रही है। इसमें सभी 17 पार्टियों के नेताओं को उनके राजनीतिक प्रभाव वाले सूबों में प्रचार अभियान में प्रमुखता से शामिल करने की योजना बन रही है। विपक्षी खेमे की कोशिश है कि 15 दिनों के प्रचार के दौरान मीरा को अधिकांश राज्यों के दौरे करा लिए जाएं।
मीरा कुमार का प्रचार अभियान कहां से शुरू होगा अभी तय नहीं हुआ है मगर विपक्षी रणनीतिकार सबसे पहले बिहार या उत्तरप्रदेश से इसका आगाज करने के पक्ष में है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी तो केरल में वामपंथी सीएम पी विजयन जहां मीरा कुमार के प्रचार में जोश भरेंगे। वहीं महाराष्ट्र में शरद पवार को कांग्रेस मीरा कुमार के प्रचार में तवज्जो देगी। जबकि बिहार में लालू और कांग्रेस मीरा कुमार के प्रचार को दमदार बनाने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे ताकि नीतीश कुमार को असहज करने का कोई मौका न छूटे।
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