मिलिए, मोदी मंत्रिमंडल में जगह पाने वाले 21 नए मंत्रियों से
नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल का रविवार को पहली बार विस्तार हुआ। इसमें 21 नए चेहरों को शामिल किया गया। इस तरह अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में कुल सदस्यों की संख्या 66 हो गई है।
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल का रविवार को पहली बार विस्तार हुआ। इसमें 21 नए चेहरों को शामिल किया गया। इस तरह अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में कुल सदस्यों की संख्या 66 हो गई है।
21 नए चेहरों में चार को कैबिनेट, तीन को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 14 को राज्यमंत्री बनाया गया है। सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश और बिहार से तीन-तीन मंत्री शामिल किए गए हैं। राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में दोपहर डेढ़ बजे नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।
आइए जानते हैं मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नए चेहरों के बारे में...
कैबिनेट मंत्री
मनोहर पर्रिकर -
गोवा के पूर्व सीएम व हिंदू विचारधारा के कट्टर समर्थक। पर्रिकर को कठोर फैसलों के लिए जाना जाता है।
सुरेश प्रभु -
वाजपेयी सरकार में उर्जा मंत्री थे। ऊर्जा मामलों के विशेषज्ञ। पीएम नरेंद्र मोदी की पसंद के नेता माने जाते हैं। नदियों को जोड़ने वाली समिति के अध्यक्ष रहे हैं।
जेपी नड्डा -
जगत प्रकाश नड्डा अमित शाह और मोदी दोनों के करीबी माने जाते हैं। हिमाचल से पार्टी का चेहरा रहे हैं। नड्डा पार्टी के प्रवक्ता और महासचिव हैं, हिमाचल से राज्यसभा सांसद हैं और हिमाचल सरकार में रह चुके हैं कानून मंत्री। 1993 में पहली बार विधायक बने।
चौधरी बीरेंद्र सिंह -
हरियाणा के बड़े जाट नेताओं में से एक हैं। इनकी पत्नी प्रेमलता ने दुष्यंत चौटाला को चुनाव हराया था। चौधरी बीरेंद्र सिंह हाल ही कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए हैं।
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
बंडारु दत्तात्रेय -
साल 2004-09 में सिकंदराबाद से चुनाव हारे। वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे। कई समितियों के अध्यक्ष रहे।
राजीव प्रताप रुडी -
साल 1996 में पहली बार लोकसभा पहुंचे। रुडी एक सफल पायलट रहे हैं और फिलवक्त सारण से सांसद हैं। पार्टी के महासचिव, तमिलनाडु और आंध्र के प्रभारी हें। उन्होंने लोकसभा चुनाव में लालू की पत्नी राबड़ी देवी को हराया था। वाजपेयी सरकार में रह चुके हैं नागरिक उड्डयन मंत्री।
डॉ. महेश शर्मा -
संघ में अच्छी पैठ है। 2012 में यूपी में विधानसभा के लिए चुने गए। गौतमबुद्ध नगर से बीजेपी के सांसद हैं। पेशे से डॉक्टर हैं महेश शर्मा।
राज्य मंत्री
मुख्तार अब्बास नकवी -
लंबे समय तक भाजपा का अल्पसंख्यक चेहरा रहे हैं और प्रवक्ता रहे हैं। राज्यसभा से सांसद हैं और पार्टी उपाध्यक्ष भी हैं। नकवी वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रहे हैं।
राम कृपाल यादव -
लंबे वक्त तक लालू प्रसाद यादव के साथ रहे। 12 मार्च 2014 को भाजपा के सदस्य बने। टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने लालू का साथ छोड़ दिया और फिर 2014 लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से लालू की बेटी मीसा भारती को हराया।
हरिभाई पार्थीभाई चौधरी -
गुजरात से भाजपा का चेहरा हैं और बनासकांठा से सांसद हैं। संसद की कई समितियों में शामिल रहे हैं।
सांवर लाल जाट -
सांवर अजमेर से बीजेपी सांसद हैं, उन्होंने कांग्रेस नेता सचिन पायलट को एक लाख वोटों से हराया था। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते हैं। राजस्थान में कैबिनेट मंत्री रहे। सियासत में आने से पहले प्रोफेसर थे।
साध्वी निरंजन ज्योति -
यूपी के फतेहपुर से भाजपा सांसद हैं, 2012 में यूपी विधानसभा चुनाव में हमीरपुर से विधायक बनी थीं। निषाद समाज की बड़ी नेता मानी जाती हैं। कई बार इनपर जानलेवा हमले हो चुके हैं।
रामशंकर कठेरिया -
यूपी में भाजपा का दलित चेहरा हैं। अक्टूबर 2014 में भाजपा के प्रभारी बनाए गए। आगरा से भाजपा सांसद हैं।
हंसराज अहीर -
हंसराज महाराष्ट्र के चंद्रपुर से तीसरी बार सांसद चुने गए। कोयला आबंटन घोटाले में यूपीए सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की। 2004 में दूसरी बार वे लोकसभा सदस्य के रूप में चुने गए। इस कार्यकाल में 2004 के बाद से वे कोयला एवं स्टील और कृषि समिति के सदस्य रहे। 2009 में वे तीसरी बार लोकसभा में चुने गए। 31 अगस्त 2009 को उन्हें कोयला एवं स्टील समिति का सदस्य बनाया गया। 15 मार्च 2010 को उन्हें लोक सन्मति समिति का सदस्य बनाया गया। राजनीति के अलावा हंसराज योग तथा रक्तदान को प्रोत्साहन देने वाली संस्थाओं से जुड़े हुए हैं।
मोहन कुंडारिया -
तानकर गुजरात से भाजपा सांसद हैं। मोदी के करीबी माने जाते हैं और मोदी के मुख्यमंत्रित्व काल में मंत्री भी रहे हैं। 2007-2012 में तानकर से विधायक रहे।
गिरिराज सिंह -
नवादा से भाजपा सांसद हैं। बिहार में नीतीश सरकार में मंत्री रहे। मोदी के मुखर समर्थक हैं। अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं। संघ के करीबी लोगों में माने जाते हैं।
वाई एस चौधरी -
तेदेपा नेता व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बेहद करीबी हैं। आंध्र प्रदेश के बड़े उद्योगपति हैं और अभी राज्यसभा सांसद हैं।
जयंत सिन्हा -
जयंत झारखंड के हजारीबाग से सांसद हैं, भाजपा नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे हैं। पहली बार चुनाव लड़ा और पहली बार सांसद बने।
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ -
राठौड़ ने जयपुर ग्रामीण से पहली बार चुनाव लड़ा और पहली बार सांसद चुने गए। लोकसभा चुनाव से पहले सेना से वीआरएस लेकर भाजपा में शामिल हुए थे। देश के जाने-माने निशानेबाज हैं, उन्होंने 2004 के एथेंस ओलंपिक में रजत पदक जीता था।
बाबुल सुप्रियो -
हिंदी और बंगाली फिल्मों के जानेमाने गायक बाबुल ने पहली बार प. बंगाल की आसनसोल सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। भाजपा को प.बंगाल में एक मात्र सीट आसनसोल मिली थी।
विजय सांपला -
विजय पंजाब के होशियापुर से पहली बार भाजपा सांसद बने। पंजाब में भाजपा का दलित चेहरा हैं। 1990 में भाजपा से जुड़े गए।