सोनिया को फिर सरकार बनाने का भरोसा
फिलहाल माहौल पूरी तरह से केंद्र सरकार के खिलाफ नकारात्मक होने के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी नाउम्मीद कतई नहीं हैं। उन्हें संप्रग के तीसरी बार भी सत्ता में आने का 'सौ फीसद' भरोसा है। इसके साथ ही उन्होंने संसद के मानसून सत्र के बाद मध्यावधि चुनावों की संभावनाओं को भी खारिज किया।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। फिलहाल माहौल पूरी तरह से केंद्र सरकार के खिलाफ नकारात्मक होने के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी नाउम्मीद कतई नहीं हैं। उन्हें संप्रग के तीसरी बार भी सत्ता में आने का 'सौ फीसद' भरोसा है। इसके साथ ही उन्होंने संसद के मानसून सत्र के बाद मध्यावधि चुनावों की संभावनाओं को भी खारिज किया। अलबत्ता संसद में अगले हफ्ते उनकी प्रतिष्ठा से जुड़े खाद्य सुरक्षा विधेयक के पारित होने की पूरी संभावना जताई।
राष्ट्रीय मीडिया केंद्र के उद्घाटन के बाद मीडिया से घुलमिल गईं सोनिया के चेहरे पर मौजूदा हालात की चिंता कतई नहीं दिखाई दी। बेहद आत्मविश्वास दिखाते हुए उन्होंने भरोसा जताया कि अगले चुनावों के बाद संप्रग-3 सत्ता में आएगा। उनसे सवाल पूछा गया था कि संप्रग-3 के सत्ता में आने की क्या संभावना है और किन मुद्दों पर चुनाव लड़े जाएंगे। इस पर संप्रग अध्यक्ष का जवाब था कि 'निश्चित तौर पर शत प्रतिशत। स्वाभाविक सी बात है कि हमने कई अधिकार दिए। सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार और अब खाद्य सुरक्षा का अधिकार, यही हमारी खास बात है।'
जल्द चुनावों के सवालों को पहले तो वह टालती रहीं, लेकिन बार-बार मीडिया के पूछने पर उन्होंने कहा कि 'हमारा लक्ष्य कार्यकाल पूरा करना है।' उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक अगले सप्ताह पारित हो जाएगा। यह पूछने पर कि क्या भाजपा विधेयक पारित कराने में सहयोग करेगी, सोनिया ने कहा, 'मैं कैसे कह सकती हूं।' तेलंगाना मुद्दे पर उन्होंने कहा कि एके एंटनी की अध्यक्षता वाली पैनल प्रभावित लोगों की बात सुन रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार भी एक समिति बनाएगी, लेकिन इसका ब्योरा उन्होंने नहीं दिया।
मध्यावधि चुनावों और नकारात्मक माहौल में सोनिया ने खुद मीडिया के बीच आकर और मोर्चा संभालकर पूरी पार्टी व सरकार को संदेश दिया है। संगठन और सरकार के स्तर पर विपक्ष और दूसरे मोर्चो से हो रहे हमलों का सक्रियता से जवाब दिया जा रहा है। कोशिश सरकारी योजनाओं को दिखाकर पक्ष में सकारात्मक माहौल बनाने की है, जिसके तहत सोनिया खुद मैदान में उतरीं। मीडिया को संदेश देते हुए उन्होंने कहा भी कि 'सरकारी कार्यक्रमों, नीतियों, फैसलों और सूचना के प्रसार में सरकार और मीडिया का साझा हित है। मैं साफ कहना चाहती हूं कि हम सरकार के लिए नंबर बनाने के उद्देश्य से दुष्प्रचार या प्रचार अभियान नहीं करते, लेकिन जनता को यह जानने का हक है कि उनके कानूनी और अन्य अधिकार क्या हैं।'
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