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साइबर फ्रॉड का शिकार हुए संजय बारु, ऑनलाइन शराब का दिया था ऑर्डर; एक गिरफ्तार

लॉकडाउन में एक ओर ऑनलाइन काम करने का ढर्रा बढ़ा तो दूसरी ओर ऑनलाइन क्राइम का ग्राफ भी काफी बढ़ गया। संजय बारु भी शराब का ऑनलाइन ऑर्डर करने में बुरे फंसे और 24 हजार का चूना लग गया।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 02:51 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 02:51 PM (IST)
साइबर फ्रॉड का शिकार हुए संजय बारु, ऑनलाइन शराब का दिया था ऑर्डर; एक गिरफ्तार
साइबर फ्रॉड का शिकार हुए संजय बारु, ऑनलाइन शराब का दिया था ऑर्डर; एक गिरफ्तार

नई दिल्ली, प्रेट्र। राजनीतिक कमेंटेटर और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारु के साथ ऑनलाइन ठगी करने वाले 31वर्षीय शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। दरअसल, लॉकडाउन के दौरान उन्होंने 'La Cave Wines and Spirits' नामक एक वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन शराब का ऑर्डर दिया था और इसी क्रम में वे साइबर क्राइम के गिरफ्त में आ गए। इसके खिलाफ संजय बारु ने दक्षिणी दिल्ली स्थित हौज खास थाने में शिकायत दर्ज कराई। दर्ज शिकायत के अनुसार, संजय बारु से 24 हजार रुपये इन साइबर ठगों ने ले लिया। गिरफ्तार आरोपी ने बताया कि इस लॉकडाउन में उसके ग्रुप ने कुल 100 लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया है।

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नॉवेल कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए ऑनलाइन ही सारे काम हो रहे हैं शराब की भी बिक्री ऑनलाइन जारी थी। इस दौरान साइबर क्राइम के मामले भी काफी बढ़ गए हैं। लॉकडाउन के दौरान कई फर्जी वेबसाइट चल रहे थे जिसके जरिए लोगों को ठगने का काम धड़ल्ले से हो रहा था। संजय बारु के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। पुलिस के पास दर्ज शिकायत में बताया गया कि 2 जून को शराब खरीदने के उद्देश्य से संजय बारु को गूगल सर्च में एक ऑनलाइन वेबसाइट La Cave Wines and Spirits' दिखी जहां से उन्होंने नंबर लिया। फोन करने पर उनसे पहले लगभग 24 हजार रुपये का ऑनलाइन भुगतान करने को कहा गया। लेकिन भुगतान करने के बाद ही फोन स्विच ऑफ हो गया।

शनिवार को राजस्थान के भरतपुर जिला स्थित कामन टाउन निवासी आकिब जावेद को गिरफ्तार किया गया। जावेद पहले टैक्सी ड्राइवर का काम करता था। पुलिस ने बताया कि इस क्राइम में उसका साथ देने वाले फरार आरोपियों को पकड़ने की कोशिश जारी है। दक्षिणी दिल्ली के डीसीपी अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद प्राथमिक जांच के दौरान बैंक स्टेटमेंट, मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल्स आदि खंगाले गए। इससे पता चला कि आरोपी ने फर्जी केवाइसी विवरणों के जरिए बैंक अकाउंट खोला हुआ था और ठगी करने के तुरंत बाद वे अपने पैसों को विभिन्न राज्यों में खोले गए बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देते थे। मामले में अभी जांच जारी है।


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