भिलाई में बोली मेधा पाटकर; नक्सली नहीं हैं सुधा, गरीबों के लिए लड़ने की मिल रही सजा
मेधा पाटकर ने कहा कि अधिवक्ता सुधा भारद्वाज कोई नक्सली नहीं हैं। वे हमेशा से गरीब और मजदूरों के हित में लड़ती रही हैं।
By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 09 Jun 2019 11:27 PM (IST)Updated: Sun, 09 Jun 2019 11:27 PM (IST)
भिलाई, जेएनएन। नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर ने भिलाई में आयोजित मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के गिरफ्तारी के खिलाफ सम्मेलन में हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मीडिया से भी चर्चा की।
इस दौरान उन्होंने कहा कि अधिवक्ता सुधा भारद्वाज कोई नक्सली नहीं हैं। वे हमेशा से गरीब और मजदूरों के हित में लड़ती रही हैं। इस लड़ाई की आवाज को दबाने के लिए सरकार ने उनके और अन्य मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कर उन्हें जेल में डाल दिया है।
उन्होंने कहा कि हम सरकार से सुधा भारद्वाज की नि:शर्त रिहाई की मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से काम कर रही है। केंद्र सरकार जिस गुजरात मॉडल का हवाला देकर विकास की बात कर रही है, उसी गुजरात में कई लोग अब भी समुद्र के किनारे खतरे में जीवन यापन कर रहे हैं।
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