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मानवरहित क्रासिंग पर ट्रेन ड्राइवर होगा अलर्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जल्द ही विमानों की तर्ज पर मानवरहित रेलवे क्रासिंग के लिए ट्रेन ड्राइवरों को अलर्ट करने की प्रणाली लांच की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को वैज्ञानिकों को बताया कि उनकी ही सलाह पर वाराणसी स्थित डीजल आधारित लोकोमोटिव फैक्ट्री के इंजीनियर इस तकनीक

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2015 05:27 AM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2015 05:31 AM (IST)
मानवरहित क्रासिंग पर ट्रेन ड्राइवर होगा अलर्ट

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जल्द ही विमानों की तर्ज पर मानवरहित रेलवे क्रासिंग के लिए ट्रेन ड्राइवरों को अलर्ट करने की प्रणाली लांच की जाएगी।

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प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को वैज्ञानिकों को बताया कि उनकी ही सलाह पर वाराणसी स्थित डीजल आधारित लोकोमोटिव फैक्ट्री के इंजीनियर इस तकनीक को ईजाद कर रहे हैं। वह जब वाराणसी की उस फैक्ट्री में गए थे तब उन्होंने इंजीनियरों को ट्रेन ड्राइवरों को अलर्ट करने की प्रणाली बनाने का सुझाव दिया था। मोदी ने कहा, 'मानवरहित क्रासिंग के कई समाधान हो सकते हैं। क्या सैटेलाइट भी मानवरहित क्रासिंग का उपाय हो सकता है।' प्रधानमंत्री ने बताया कि इस नई प्रणाली में जैसे पायलटों को बादलों आदि के होने की पूर्व सूचना मिल जाती है, वैसे ही ट्रेन के लिए ईजाद प्रणाली भी काम करेगी। उल्लेखनीय है कि हर साल मानवरहित क्रासिंगों पर हादसों में सैकड़ों लोगों की जान जाती है।

शासन में इस्तेमाल हो अंतरिक्ष तकनीक

विभिन्न मंत्रालयों और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सुशासन, पारदर्शिता, कार्यकुशलता, जवाबदेही, उचित समय में उत्पादन, निगरानी के लिए तकनीक उपयोगी उपकरण है।

उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक का इस्तेमाल सरकार के रोजमर्रा के कामकाज में भी होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि शासन के विभिन्न क्षेत्रों में अंतरिक्ष तकनीक के इस्तेमाल की नई पहल होनी चाहिए। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि नई खोजों को बढ़ावा दें। साथ ही उन मुद्दों की पहचान करें जिनका हल अंतरिक्ष तकनीक से हो सकता है। मोदी ने सभी मंत्रालयों को अंतरिक्ष तकनीक के उपयोग के लिए कम से कम एक विषय इसी साल जरूर देना होगा।

कर चोरी और सामूहिक शिक्षा का उपाय भी अंतरिक्ष तकनीक

मोदी ने कहा कि सामूहिक शिक्षा का कार्यक्रम इसरो के सहयोग से शुरू किया जाना चाहिए। इससे छात्रों को अंतरिक्ष तकनीक और उसके उपयोगों की खासी जानकारी मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरिक्ष तकनीक से कर चोरी को भी पकड़ा जा सकता है। इससे विभिन्न राजमार्गों की भी निगरानी की जा सकती है। इस तकनीक से निचले तबके और आदिवासियों के जीवन स्तर को सुधारने में भी मदद मिलेगी।


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