उच्चायुक्त उत्पीड़न के आरोपों पर पाकिस्तान को भारत ने सुनाई खरी-खरी
रवीश कुमार ने पाकिस्तान के आरोपों पर सीधे तौर पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि इसके लिए कूटनीतिक रास्ते होते हैं और वहीं पर इसे उठाया जाना चाहिए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राजनयिकों के उत्पीड़न के आरोपों पर भारत ने पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई है। भारत ने साफ कर दिया है कि इस मुद्दे को मीडिया में उठाने की बजाय कूटनीतिक स्तर पर हल किया जाना चाहिए। जैसा की भारत ने अपने राजनयिकों के उत्पीड़न के मामले को कूटनीतिक स्तर पर किया।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरूवार को भारत में अपने राजनयिकों के उत्पीड़न का मुद्दा उठाया और कहा कि राजनयिकों की सुरक्षा पर बातचीत के लिए नई दिल्ली स्थित अपने उच्चायुक्त सोहेल महमूद को इस्लामाबाद बुलाया गया है। भारत ने कहा है कि वह वियना समझौते का पूरी तरह पालन करता है और मानता है कि कूटनीतिक स्तर पर कई मसले हल होने चाहिए। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि अपने राजनयिकों को बातचीत के बुलाना एक सामान्य प्रक्रिया है। जाहिर है पाकिस्तान जानबूझकर इसे राजनयिकों के उत्पीड़न से जोड़ने की कोशिश कर रहा है।
रवीश कुमार ने पाकिस्तान के आरोपों पर सीधे तौर पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि इसके लिए कूटनीतिक रास्ते होते हैं और वहीं पर इसे उठाया जाना चाहिए। मीडिया के माध्यम से इस मुद्दे पर प्रचार करने से समस्या का समाधान नहीं हो सकता।
ज्ञात हो कि इस्लामाबाद में भारतीय राजनयिकों को तरह-तरह से प्रताडि़त किया जा रहा है। वहां भारतीय राजनयिकों के लिए बन रहे एक आवासीय कांप्लेक्स के लिए बिजली-पानी की लाइन काट दी गई, जिसे शिकायत के बावजूद ठीक नहीं किया जा सका है। इसके अलावा विदेशी राजनयिकों को स्वाभाविक तौर पर मिलने वाली इस्लामाबाद क्लब की सदस्यता में भी भारतीय राजनयिकों को परेशान किया गया और गृहमंत्रालय से क्लीयरेंस नहीं मिलने का बहाना बनाकर उन्हें इससे वंचित रखा गया। तमाम उत्पीड़न के बाद भी भारत ने कभी सार्वजनिक तौर पर यह मुद्दा नहीं उठाया। बल्कि पाक विदेश सचिव से मिलकर भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने इन बातों को रखा। एक सवाल के जवाब में रवीश कुमार ने कहा पाकिस्तान स्थिति भारतीय उच्चायुक्त को चर्चा के लिए भारत बुलाए जाने पर अभी कोई विचार नहीं हुआ है।