पाक की मंशा पर विदेश मंत्रालय का सवाल, क्यों नहीं लौटाए जाधव की पत्नी के जूते
जाधव से मिलने गई पत्नी के मंगलसूत्र-बिंदी हटवा दिए गए और तो और जूते तक पाकिस्तान ने नहीं लौटाए। विदेश मंत्रालय ने जारी की टिप्पणी।
नई दिल्ली (जेएनएन)। पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में सजा भुगत रहे कुलभूषण जाधव से इस्लामाबाद में उनकी मां और पत्नी को मिलवाया गया लेकिन पाक ने इसमें भी अपने कपटी और छल वाले रवैये का दामन नहीं छोड़ा। पूरे 21 माह बाद चालीस मिनट की मुलाकात के दौरान मां-पत्नी व जाधव के बीच कांच की दीवार खड़ी कर दी। भारत लौटने के बाद जाधव के परिजनों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की और अब भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पूरे मामले पर पहली बार टिप्पणी जारी की है और पाकिस्तान के छलपूर्ण रवैये का चिट्ठा सार्वजनिक किया।
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान की मंशा और जिस तरह से मां और पत्नी को मिलवाया गया उस पर कई सवाल उठाए हैं। साथ ही जाधव के हालात और उनके स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता जताई।
विदेश मंत्रालय ने कहा, जैसा कि आप सब जानते हैं कि इस्लामाबाद में सोमवार को कुलभूषण जाधव से उनकी मां और पत्नी ने मुलाकात की। इस मुलाकात के लिए भारत की ओर से पाकिस्तान से आग्रह किया गया था। मुलाकात से पहले दोनों सरकारों के बीच राजनयिक माध्यमों से बातचीत हो रही थी।
मंगलसूत्र और बिंदी तक उतरवा दिए
सुरक्षा एहतियातों के तहत परिजनों के सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं को भी दरकिनार कर दिया गया। मंगलसूत्र, चूड़ियां और बिंदी के साथ कपड़े भी बदलवाए गए।
पाक की मीडिया ने किया परेशान
पाकिस्तानी मीडिया को परिवार के पास जाने, उन्हें परेशान करने और जाधव पर झूठे आरोपों को लगाने की खुली छूट दी गयी थी। जबकि दोनो देशों के बीच पहले ही यह सहमति बनी थी किसी भी तरफ से मीडिया को इस मौके पर अनुमति नहीं दी जाएगी। जाधव की मां और पत्नी को पाकिस्तान मीडिया ने भी परेशान किया। मुलाकात के बाद जब मां और पत्नी गाड़ी का इंतजार कर रहे थे तब उनके सामने बार-बार जाधव के आतंकी होने का सवाल मीडिया ने पूछा।
नहीं लौटाए पत्नी के जूते
जाधव की पत्नी के जूते बार-बार आग्रह किए जाने के बावजूद पाकिस्तान ने नहीं लौटाए हैं। इसपर भारत ने गंभीर चिंता जताई है। भारत को शंका है कि इसका कुछ गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं मां को अपनी मातृभाषा (मराठी) में बात करने से बार-बार रोका गया।
मुलाकात के दौरान डिप्टी हाई कमिश्नर को रखा दूर
शुरुआत में डिप्टी हाई कमिश्नर जेपी सिंह को परिजनों से अलग कर दिया गया। जाधव की पत्नी व मां के साथ गये भारतीय राजनयिक को बगैर बताये दोनों को मुलाकात के लिए ले जाया गया। सिंह ने जब दबाव बनाया तब उन्हें वहां लाया गया। लेकिन जहां मुलाकात हो रही थी वहां से उन्हें दूर ही रखा गया।
गहराई जाधव के सुरक्षा की चिंता
इस मुलाकात से जाधव के काफी तनाव में होने की बात भी सामने आई है। भारत ने उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। मुलाकात के बाद मिले फीडबैक से यह स्पष्ट है कि वे जो भी बोल रहे थे उसके लिए उनपर दवाब डाला गया था। मुलाकात के दौरान उनके द्वारा कही गयी अधिकतर बातों से लग रहा था कि उन्हें इसके लिए कहा गया हो। स्वास्थ्य व बेहतर स्थिति के संबंध में संदेह पैदा करती है। हालांकि परिजनों ने इस दौरान काफी साहस और हिम्मत से काम लिया और परिस्थिति को धैर्य से संभाला।
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