भारत में महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर UN की आधिकारिक टिप्पणी, विदेश मंत्रालय ने बताया अनुचित और अनावश्यक
भारत में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के हालिया मामलों के बारे में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर के बयान को विदेश मंत्रालय ने सोमवार को अनुचित करार दिया। भारत में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के हालिया मामलों पर यूएन के बयान की आलोचना की।
नई दिल्ली, एएनआइ। भारत में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के हालिया मामलों के बारे में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर के बयान को विदेश मंत्रालय ने सोमवार को अनुचित करार दिया। विदेश मंत्रालय ने भारत में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के हालिया मामलों पर बयान के लिए संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी की आलोचना की और कहा कि जांच प्रक्रिया अभी भी चल रही है।
विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर से कहा, संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर द्वारा महिलाओं के खिलाफ हिंसा के कुछ हालिया मामलों के बारे में कुछ अनुचित टिप्पणियां की गई हैं। भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर को जागरूक होना चाहिए। इन मामलों को सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है।
भारत का संविधान सभी नागरिकों को देता है समानता की गारंटी
उन्होंने आगे कहा कि चूंकि जांच प्रक्रिया अभी भी चल रही है, किसी बाहरी एजेंसी द्वारा किसी भी अनावश्यक टिप्पणी से बचा जाता है। संविधान भारत के सभी नागरिकों के लिए समानता की गारंटी देता है। एक लोकतंत्र के रूप में, हमारे पास सभी को न्याय प्रदान करने का एक समय-परीक्षण रिकॉर्ड है।
इससे पहले आज, भारत में संयुक्त राष्ट्र ने भारत में उत्तर प्रदेश के हाथरस और बलरामपुर क्षेत्रों में कथित यौन उत्पीड़न के मामलों के बारे में एक बयान दिया था।
भारत में संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि हाथरस, बलरामपुर में यौन उत्पीड़न की घटना ने राष्ट्र भर में तीव्र विरोध प्रदर्शनों की एक श्रृंखला के साथ भारी आक्रोश फैलाया, जिसमें आरोपियों को सजा देने की मांग की गई। हाथरस की 19 वर्षीय महिला की 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी। इस घटना के सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।