एनआरएचएम घोटाले में मायावती से पूछताछ
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन घोटाले की आंच उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती तक पहुंच गई है। सीबीआइ ने एनआरएचएम घोटाले की व्यापक साजिश का पता लगाने के लिए मायावती से पूछताछ की है। पिछले सोमवार को यह पूछताछ उनके दिल्ली स्थित बंगले पर हुई। मायावती से स्वास्थ्य विभाग के
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन घोटाले की आंच उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती तक पहुंच गई है। सीबीआइ ने एनआरएचएम घोटाले की व्यापक साजिश का पता लगाने के लिए मायावती से पूछताछ की है। पिछले सोमवार को यह पूछताछ उनके दिल्ली स्थित बंगले पर हुई। मायावती से स्वास्थ्य विभाग के विभाजन और 100 जिला प्रोजेक्ट अफसरों के पद बनाने से संबंधित सवाल पूछे गए।
वैसे केंद्रीय जांच एजेंसी ने मायावती से पूछताछ की औपचारिक रूप से पुष्टि नहीं की है। लेकिन सूत्रों की मानें तो डीआइजी के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारियों की टीम उनसे पूछताछ कर चुकी है। बताया जाता है कि पूछताछ के दौरान मायावती के निकट सहयोगी और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील सतीश चंद्र मिश्रा को उनके पास रहने की अनुमति दी गई थी।
पूछताछ करने गई टीम में डीआइजी एनएम सिंह के साथ एसपी अशोक बाबू, डीएसपी पीएस जामवाल और डीएसपी शहनाज खान के अलावा एक महिला डीएसपी भी शामिल थीं।सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मायावती से स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय को बांटे जाने की जरूरत के बारे में सवाल पूछे गए।
माना जा रहा है कि परिवार कल्याण को स्वास्थ्य मंत्रालय से अलग कर एनआरएचएम के पैसे को इसी के माध्यम से खर्च किया गया। इसके मंत्री बाबूसिंह कुशवाहा घोटाले के आरोप में जेल में बंद हैं। इसी तरह से उनसे डीपीओ की नियुक्ति के बारे में सवाल पूछे गए।
डीपीओ की नियुक्ति में अनियमितता के आरोप हैं। सूत्रों की मानें तो मायावती ने सवालों का सीधे-सीधे जबाव नहीं दिया। अधिकांश फैसले को कैबिनेट पर डालकर खुद को किनारा कर लिया। इसके साथ ही उन्होंने कई सवालों पर अनभिज्ञता जाहिर की। सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एनआरएचएम घोटाले में नए सुबूतों के आधार पर उनसे बाद में पूछताछ का फैसला लिया जाएगा।
गौरतलब है कि एनआरएचएम घोटाले में पूछताछ की खबर आने के बाद मायावती ने केंद्र सरकार पर सीबीआइ का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि वे किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। वैसे इसके पहले वह ताज कॉरीडोर घोटाले और आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी सीबीआइ जांच का सामना कर चुकी हैं।
ताज कॉरीडोर घोटाले में राज्यपाल की अनुमति नहीं मिलने के कारण सीबीआइ की चार्जशीट पर सुनवाई नहीं हो सकी थी। आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ की एफआइआर को ही निरस्त कर दिया था।