इंदौर, भोपाल और पटना में मेट्रो परियोजनाओं में सबसे अधिक देरी, केंद्र सरकार ने काम तेज करने का दिया आदेश
मध्य प्रदेश की यह समस्या रही है कि बार-बार सीईओ भी बदलते रहे हैं। पटना और गुजरात के साथ-साथ नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड में भी 2019 से एमडी के रूप में अधिकारियों को अतिरिक्त जिम्मेदारी देकर नियुक्त किया गया है।
नई दिल्ली, मनीष तिवारी। पटना, इंदौर और भोपाल में मेट्रो परियोजनाओं की धीमी रफ्तार से चिंतित केंद्र सरकार ने काम तेज करने के लिए कहा है। आवासन और शहरी विकास मंत्रालय ने समीक्षा बैठक के बाद मध्य प्रदेश सरकार से कहा है कि इंदौर और भोपाल की मेट्रो परियोजनाओं में तेजी लाए जाए।
मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार को देरी को लेकर चिट्ठी भी लिखी गई है। इसके अलावा पिछले दिनों मंत्रालय के सचिव ने राज्य सरकार के अफसरों के साथ समीक्षा बैठक भी की।
पूर्णकालिक एमडी नियुक्त करें और उसे बार-बार बदलें नहीं : केंद्र
मंत्रालय ने देरी के प्रमुख कारण के रूप में मेट्रो कारपोरेशनों में पूर्णकालिक प्रबंध निदेशक की नियुक्ति न होना माना है। वैसे तो इन तीन शहरों के साथ साथ आगरा और सूरत में भी मेट्रो परियोजनाओं में देरी की बात सामने आई है, लेकिन पटना, भोपाल और इंदौर में काम आगे बढ़ाने में सबसे अधिक दिक्कत आई है। इन तीनों शहरों में काफी समय तक तो काम भी शुरू नहीं हुआ।
राज्य सरकार से कहा गया है कि कम से कम पूर्णकालिक रूप से एमडी तो नियुक्त किया जाए, क्योंकि अगर एमडी पार्ट टाइम होता है तो उसे चीजें समझने में भी दिक्कत होती है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि एक तो मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन में पूर्णकालिक एमडी नियुक्त किया जाना चाहिए और दूसरे, उसे बार-बार बदला भी नहीं जाना चाहिए।
मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड में
मध्य प्रदेश की यह समस्या रही है कि बार-बार सीईओ भी बदलते रहे हैं। पटना और गुजरात के साथ-साथ नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड में भी 2019 से एमडी के रूप में अधिकारियों को अतिरिक्त जिम्मेदारी देकर नियुक्त किया गया है। यही स्थिति मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन की भी है। अगले वित्तीय वर्ष के लिए पेश किए गए बजट में मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम तथा मेट्रो परियोजनाओं के लिए 23,175 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो कि मंत्रालय के कुल बजट अनुमान का लगभग तीस प्रतिशत है।