पठानकोट हमले में चार्जशीट के बावजूद, मसूद अजहर पाकिस्तान में आजाद घूमेगा
आरोपपत्र के बाद भी फिलहाल आतंकी मसूद अजहर स्वतंत्र रहेगा। भारत को अस्थिर करने वाले कई नापाक लोग पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले में मसूद अजहर के खिलाफ एनआइए ने भले ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया हो, लेकिन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना को सजा दिला पाने की थोड़ी उम्मीद तब तक नहीं बनती है, जब तक पड़ोसी चीन का भी सहयोग न मिले।
मसूद अजहर पर चीन का वीटो
चीन ने मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के भारत के प्रस्ताव को नकार दिया है और इसकी गंभीर आशंका है कि दोबारा प्रस्ताव आने पर वह हमेशा के लिए इसके खिलाफ वीटो कर दे। अगर मसूद अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित नहीं होता है तो आश्चर्य नहीं कि अन्य आतंकी सरगनाओं की तरह पाकिस्तान उसका भी बचाव करता रहेगा।
हालांकि मुंबई ब्लास्ट का मुख्य आरोपी दाउद अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित होने के बावजूद स्वतंत्र घूम रहा है। जाहिर है एनआइए की नई चार्जशीट पाकिस्तान को सौंपे जाने वाले डोजियर में वांछित आतंकियों और अपराधियों की सूची ही लंबी करेगा।
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मसूद के खिलाफ पुख्ता सबूत
मसूद के खिलाफ भारत के पास पुख्ता सबूत हैं और भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत ज्यादा बल के साथ पाकिस्तान और मसूद को बेनकाब कर सकेगा। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि संयुक्त राष्ट्र के स्थायी सदस्य चीन की मदद नहीं मिल रही है। वह मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव को दो बार नकार चुका है। अगर तीसरी बार भी चीन वीटो का प्रयोग करता है तो भारत की कवायद लंबे वक्त के लिए ठंढे बस्ते में चली जाएगी और मसूद की गिरफ्तारी के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाना मुश्किल होगा।
पाक में मसूद अजहर
2008 के मुंबई हमले में लश्करे तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद तमाम सबूतों, चार्जशीट और रेड कार्नर नोटिस के बाद भी पाकिस्तान में खुला घूम रहा है। सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पिछले साल विदेश सचिव स्तर की वार्ता के लिए भारत ने 65 वांछित आतंकियों की सूची तैयार की थी। इसके पहले विदेश सचिव स्तर की वार्ता में पाकिस्तान को 48 आतंकियों का डोजियर सौंपा गया था, जो विभिन्न मामले में भारत में वांछित हैं। लेकिन पाकिस्तान ने कभी भी इस डोजियर का अमल नहीं किया। पाकिस्तान हमेशा से भारतीय एजेंसियों के सबूतों को नकारती रही है।
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मसूद को गिरफ्त में लेने की कोशिश
पहली बार भारत में हमला करने वाले आतंकी सरगनाओं पर शिकंजा कसने की उम्मीद मुंबई हमले के बाद बनी थी। जब पाकिस्तान के भीतर एफआइआर दर्ज कर इसकी जांच शुरू की गई थी। पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकी उर रहमान लखवी समेत पांच आतंकियों को गिरफ्तार भी किया था। लेकिन साथ ही पाकिस्तान ने हाफिज सईद के खिलाफ सबूतों को नकार दिया था और आइएसआइ के मेजर सलीम नाम के किसी सख्स के होने से ही इंकार कर दिया। पांच साल जेल में रहने के बाद भी सबूत के अभाव में लखवी को जमानत दे दी गई और उसके बाद अदालती कार्रवाई ठप कर दी गई। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब तक पाकिस्तान इन आतंकियों का सुरक्षित सैरगाह बना हुआ है, उन्हें सजा दिला पाने की उम्मीद करना बेमानी है।
पाक में है दाऊद इब्राहिम
पाकिस्तान का सबसे हैरान करने वाला रवैया 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के आरोपी दाऊद इब्राहिम और टाइगर मेमन को लेकर है। भारत लगातार पाकिस्तान को दाऊद के पते तक देता रहा है, लेकिन आजतक पाकिस्तान ने उसके पाकिस्तान में होने की बात स्वीकार नहीं की। जबकि संयुक्त राष्ट्र संघ की जांच में दाउद इब्राहिम के आधा दर्जन पतों को सही पाया गया है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वैसे पठानकोट हमले में मसूद अजहर और उसके साथियों के खिलाफ आरोपपत्र के सहारे भारत दुनिया के विभिन्न मंचों पर पाकिस्तान के असली चेहरे को बेनकाब करने के लिए कर सकता है।
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