CoronaVirus: कीमतों पर लगाम के लिए मास्क और सेनेटाइजर को मिल सकता है ड्रग्स का दर्जा
कोरोना संकट की वजह से मास्क एवं सेनेटाइजर की मनमानी कीमत पर रोक के लिए इन दोनों वस्तुओं को ड्रग्स का दर्जा दिया जा सकता है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना संकट की वजह से मास्क एवं सेनेटाइजर की मनमानी कीमत पर रोक के लिए इन दोनों वस्तुओं को ड्रग्स का दर्जा दिया जा सकता है। ड्रग्स का दर्जा मिलते ही इसकी कीमत नेशनल फार्मास्यूटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) द्वारा तय होगी और उस कीमत से अधिक दाम पर इसे बाजार में नहीं बेचा जा सकेगा।
खुदरा स्तर पर वसूली जा रही है मनमानी कीमत
कोरोना से बचने के उपाय में शामिल मास्क एवं सेनेटाइजर की भारी मांग को देखते हुए खुदरा स्तर पर इसकी मनमानी कीमत वसूली जा रही है। हिमाचल प्रदेश ड्रग्स मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन के सलाहकार एस. सिंगला ने बताया कि 100 एमएल के सेनेटाइजर की फैक्ट्री कीमत 25-27 रुपए है। लेकिन बाजार में इसे 200-250 रुपए तक में बेचा जा रहा है। इसकी अधिकतम खुदरा कीमत (एमआरपी) 80-90 रुपए तक होनी चाहिए। वैसे ही, 3 प्लाइ तक के मास्क की फैक्ट्री कीमत महज एक रुपया है जबकि इसे खुदरा बाजार में 25-50 रुपए तक में बेचा जा रहा है। इसकी अधिकतम कीमत 5 रुपए तक हो सकती है।
अवैध तरीके से बनाया जा रहा है सेनेटाइजर
3 प्लाई के मास्क को कोरोना वायरस रोकने के लिए सुरक्षित माना जा रहा है। सेनेटाइजर का उत्पादन करने के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है, लेकिन अभी कई जगहों पर अवैध तरीके से सेनेटाइजर बनाने का काम शुरू हो गया है। कई जगह छापेमारी में सेनेटाइजर की अवैध फैक्टरियां पकड़ी गई हैं।
सरकार ने मास्क और सेनेटाइजर की कालाबाजारी रोकने के लिए इन्हें आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में रख दिया है, लेकिन इससे कीमत पर लगाम नहीं लगेगी। फार्मा उद्यमियों का मानना है कि अगले एक-दो दिनों में इन दोनों वस्तुओं को ड्रग्स का दर्जा दिया जा सकता है ताकि आम लोग आसानी से इसे खरीद सके।