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..तो ये है इंडिया का 'मिशन मंगल'

लाल ग्रह यानी मंगल पर भारतीय अभियान का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। इंतजार की घड़ियां खत्म होने को हैं। सब कुछ ठीक रहा तो मंगलवार को मंगल ही मंगल होगा। 121 करोड़ भारतीयों की उम्मीदों वाला मंगलयान आज दोपहर

By Edited By: Published: Tue, 05 Nov 2013 08:51 AM (IST)Updated: Tue, 05 Nov 2013 01:23 PM (IST)
..तो ये है इंडिया का 'मिशन मंगल'

लाल ग्रह यानी मंगल पर भारतीय अभियान का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। इंतजार की घड़ियां खत्म होने को हैं। सब कुछ ठीक रहा तो मंगलवार को मंगल ही मंगल होगा। 121 करोड़ भारतीयों की उम्मीदों वाला मंगलयान आज दोपहर दो बजकर 38 मिनट पर छोड़ा जाएगा। अभियान पर पूरी दुनिया की टकटकी लगी है। अगर यह अभियान सफल रहा तो मंगल फतह की होड़ में हम चीन को पीछे छोड़ देंगे। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो यह विजयगाथा लिखने वाली दुनिया की चौथी अंतरिक्ष एजेंसी हो जाएगी।

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अभियान

पृथ्वी से सर्वाधिक समानता वाले ग्रह मंगल पर पहला भारतीय आर्बिटर मिशन। पीएसएलवी-सी25 रॉकेट द्वारा मंगल की कक्षा में उपग्रह स्थापित किया जाएगा

प्रक्षेपण

मंगलवार को दोपहर दो बजकर 38 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से

प्रसारण

लोगों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि का साक्षी बनाने के लिए दूरदर्शन पर दो बजे से लाइव प्रसारण

उपलब्धि

अभियान की सफलता के बाद मंगल फतह करने वाली इसरो दुनिया की चौथी अंतरिक्ष एजेंसी हो जाएगी। इससे पहले यूरोपियन कांसोर्टियम की यूरोपियन स्पेस एजेंसी, अमेरिका की नासा और रूस की रोस्कॉस्मॉस ही लाल ग्रह पर अभियान भेजने में कामयाब रही हैं।

उद्देश्य

इस उपग्रह के साथ पांच स्वदेशी उपकरण भेजे जा रहे हैं। ये यंत्र मंगल पर मीथेन, ड्यूटीरियम, जीवन की संभावना और पानी की उपलब्धता के साथ अन्य कई अहम चीजों की पड़ताल करेंगे।

निरीक्षण

प्रक्षेपण के बाद उपग्रह पर नजर रखने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। पोर्टब्लेयर, बेंगलूर के नजदीक बाईलालू और ब्रूनेई में स्थापित ट्रैकिंग केंद्र अलर्ट मोड पर हैं। इसके अलावा समुद्र से इस पर निगाह रखने के लिए शिपिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया की दो जलपोत एससीआइ नालंदा और एससीआइ यमुना दक्षिण प्रशांत महासागर में फिजी तट के निकट तैनात हैं।

खास बातें:

25 दिन:

प्रक्षेपण के 40 मिनट बाद पीएसएलवी-सी 25 रॉकेट उपग्रह को धरती की कक्षा में स्थापित कर देगा। यहां पर उपग्रह अगले 25 दिनों यानी एक दिसंबर तक पृथ्वी की कक्षा में परिक्त्रमा करता रहेगा।

300 दिन: इसके बाद उपग्रह मंगल के लिए रवाना होगा। अनुमान है कि अगले नौ महीने या 300 दिन बाद 24 सितंबर, 2014 को यह मंगल ग्रह पर पहुंचेगा।

51 विभिन्न देशों द्वारा अब तक भेजे गए कुल मंगल अभियान

40 करोड़ किमी: मंगल ग्रह की कक्षा तक पहुंचने में उपग्रह द्वारा तय की गई दूरी

21 दुनिया के सभी देशों के सफल मंगल अभियान

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