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शादीशुदा प्रेमी ने ही दी मौत, कुछ यूं हुआ खुलासा

दिल्ली पुलिस को अपनी आलोचना भले नागवार गुजरती हो लेकिन उसकी संवेदनहीनता का इससे बड़ा उदाहरण क्या होगा कि एक युवती की घर में हत्या कर दी गई, शव को जला दिया गया लेकिन खुलास परिजनों के आने के बाद हुआ।

By Edited By: Published: Wed, 09 Jan 2013 09:48 AM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2013 10:12 AM (IST)
शादीशुदा प्रेमी ने ही दी मौत, कुछ यूं हुआ खुलासा

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दिल्ली के लोग यदि सड़कों पर नहीं उतरते, तो शायद यह मामला भी पुलिस की फाइलों में कहीं दब गया होता।

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दिल्ली पुलिस को अपनी आलोचना भले नागवार गुजरती हो लेकिन उसकी संवेदनहीनता का इससे बड़ा उदाहरण क्या होगा कि एक युवती की घर में हत्या कर दी गई, शव को जला दिया गया, फिर सरेआम हत्यारे ने युवती के कपड़ों से लेकर कागजात और फोटो तक को जला दिया। सामान जलाने की सूचना भी पुलिस को मिली लेकिन पुलिस ने तफ्तीश करने के बजाय पूरे मामले को रफा-दफा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जांच को ठंडे बस्ते में डाल दी।

घटना पूर्वी जिले के विवेक विहार की है। जिसमें लिव-इन पार्टनर अमित अग्रवाल ने युवती नीतू सिंह की निर्मम हत्या कर शव को जला डाला। नीतू मूल रूप से उत्तरप्रदेश के संत कबीरनगर की रहने वाली थी और पिछले एक साल से अमित अग्रवाल के ज्वाला नगर स्थित फ्लैट में लिव-इन में रह रही थी। अमित की पत्नी व बेटी सूर्यनगर केपास रामपुरा में रहते हैं। इस वारदात का खुलासा अरसे बाद हुआ है।

अमित द्वारा कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए निकाले गए विज्ञापन को देख तीन साल पहले नीतू उससे मिली थी। पुरुष के लिए पद होने की वजह से उसे नौकरी नहीं मिली। लेकिन दोनों लगातार संपर्क में रहे। नजदीकी बढ़ी तो अमित उसे ज्वाला नगर के फ्लैट में ले आया और दोनों पति-पत्नी की तरह रहने लगे। अमित ने अपनी पत्नी को तलाक देकर उससे शादी करने का वादा किया था। करीब चार माह पहले नीतू ने अमित की पत्नी से कह दिया कि अमित उसे तलाक दे देगा और उससे शादी कर लेगा। इसके बाद अमित के परिवार में कलह रहने लगी साथ ही नीतू भी शादी का दबाव बनाने लगी।

हत्या कर दिवाली का जश्न मनाया था अमित ने

नीतू को रास्ते से हटाने के लिए अमित ने शातिर अपराधी की तरह वारदात को अंजाम दिया। दिवाली की रात 13 नवंबर 2012 को वह नीतू के पास आया, गला दबाकर हत्या कर दी और अपने घर जाकर परिवार के साथ दिवाली का जश्न मनाया। अगले दिन नीतू के शव को बक्से में रखकर गाजियाबाद के मसूरी क्षेत्र में गंग नहर के किनारे जंगल में फेंक दिया। वह फिर 15 नवंबर को मसूरी गया और शव को जला दिया।

16 नवंबर को ही मिल गए थे सबूत पर पुलिस शांत रही । वारदात के बाद 16 नवंबर को अमित नीतू के सारे कपड़े सर्टिफिकेट, पत्र, श्रृंगार के सामान आदि लेकर कड़कड़डूमा में लक्ष्मी पब्लिक स्कूल के पीछे गया। एक कबाड़ी ने डेढ़ सौ रुपये लेकर इनमें आग लगा दी। एक व्यक्ति ने इस संबंध में पूछताछ करनी शुरू की तो वह वैगनआर कार में बैठकर भाग गया। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची। पुलिस को कार का नंबर भी मिला। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। कार के नंबर के बारे में कह दिया कि यह किसी और कार की है। जबकि पुलिस को मौके से नीतू का फोटो, महिला आयोग में की गई शिकायत, पूर्वी जिला पुलिस स्पेशल स्टाफ से की गई शिकायत, एक मकान का पता सहित तमाम अधजले कागजात मिले हैं।

परिजनों के आने पर खुलासा

इस हत्याकांड का खुलासा तब हुआ जब नीतू के पिता रामधनी, भाई दुर्गा प्रसाद व मां दिल्ली आई। काफी दिनों तक नीतू ने उनसे संपर्क नहीं किया और उसका मोबाइल बंद मिला तब उन्होंने अमित को फोन किया। अमित ने नीतू के बारे में कोई जानकारी होने से इन्कार कर दिया। परिजनों ने 27 दिसंबर को विवेक विहार पुलिस से शिकायत की। पहले पुलिस ने मामले को हल्के में लिया। लेकिन अमित को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया। पुलिस ने मसूरी जाकर नीतू का कंकाल बरामद किया है। मसूरी से मिला कंकाल नीतू का ही है इसकी पुष्टि के लिए पुलिस डीएनए टेस्ट कराएगी। इसके लिए सोमवार को नीतू के माता पिता का सैंपल लिया गया है।

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