महाराष्ट्र: मराठा आरक्षण आंदोलन ने पकड़ा जोर, दो और ने की आत्महत्या की कोशिश
महाराष्ट्र के कई इलाकों में कोल्हापुर, सातारा, सोलापुर, पुणे और मुंबई में हालात काफी तनावपूर्ण है। उधर, प्रशासन ने एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है। सोमवार को एक युवक के आत्महत्या करने के बाद मंगलवार को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया गया था। इस दौरान दो और युवकों ने आत्महत्या की कोशिश की। औरंगाबाद में आंदोलनकारियों ने जमकर पथराव किया। इसमें एक पुलिस कांस्टेबल की मौत हो गई जबकि एक अन्य घायल हो गया।
मराठा समाज लंबे समय से शिक्षा और नौकरियों में आंदोलन की मांग करता आ रहा है। हाल में राज्य सरकार द्वारा 72,000 नियुक्तियां किए जाने के संकेत मिलने के बाद यह आंदोलन और तेज हो गया। हालांकि, मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने आश्वासन दिया है कि मराठा आरक्षण पर कोर्ट का फैसला आने तक इन भर्तियों में इस समुदाय को 16 फीसद आरक्षण दिया जाएगा। लेकिन, आंदोलन का नेतृत्व कर रहा मराठा क्रांति मोर्चा इस आश्वासन से सहमत नहीं है। उसने नौ अगस्त को महाराष्ट्र बंद की तैयारी कर रखी थी। इस बीच, सोमवार को औरंगाबाद में काकासाहब शिंदे (27) नामक एक युवक के गोदावरी नदी में कूदकर आत्महत्या कर लेने से आंदोलन अचानक भड़क उठा और नौ अगस्त के बजाय मंगलवार को ही महाराष्ट्र बंद का त्वरित आह्वान कर दिया गया।
दमकल की गाड़ी को आग लगाई
मंगलवार को महाराष्ट्र बंद का सर्वाधिक असर भी औरंगाबाद में ही देखने को मिला। जहां सड़क यातायात के साथ-साथ रेलगाड़ियों को भी रोकने का प्रयास किया गया। इस दौरान दो और लोगों ने आत्महत्या करने की कोशिश की। एक ने नदी में छलांग लगाकर, तो दूसरे ने विष खाकर जान देने की कोशिश की, लेकिन दोनों को बचा लिया गया। आंदोलनकारियों ने दमकल विभाग की एक गाड़ी को पलटकर उसमें आग लगा दी और जमकर पथराव किया गया। पथराव में एक पुलिस कांस्टेबल की मृत्यु हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया। सोमवार को आत्महत्या करने वाले युवक शिंदे की अंत्येष्टि में शामिल होने गए शिवसेना सांसद चंद्रकांत खैरे से भी धक्कामुक्की की गई। औरंगाबाद में अफवाहों पर नियंत्रण करने के लिए इंटरनेट सेवाएं भी मंगलवार को बंद रहीं।
मुंबई में बंद का आह्वान
मराठा क्रांति मोर्चा ने बुधवार को यह आंदोलन मुंबई में करने की घोषणा की है। इसके तहत मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, पालघर इत्यादि क्षेत्रों में बंद का आह्वान किया गया है।
पंढरपुर में भगवान विट्ठल की पूजा नहीं कर पाए सीएम
मराठा आंदोलन के कारण ही सोमवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस पंढरपुर में भगवान विट्ठल की पारंपरिक पूजा में नहीं जा सके। उन्हें यह पूजा अपने सरकारी आवास पर करनी पड़ी। अन्यथा आषाढ़ी एकादशी की पूजा मुख्यमंत्री द्वारा ही सपत्नीक संपन्न होती है। मुख्यमंत्री के इस पूजा में शामिल नहीं हो पाने पर राजनीतिक टिप्पणियां भी की जा रही हैं। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम ने ट्वीट कर कहा कि मुख्यमंत्री अपने घर पर पूजा नहीं कर रहे हैं, बल्कि पूजा का दिखावा कर रहे हैं।
शिवसेना का आंदोलन को समर्थन
सरकार में शामिल शिवसेना भी इस मसले पर भाजपा को घेरने में पीछे नहीं है। शिवसेना नेता और राज्य सरकार में उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि मराठा आरक्षण पर शिवसेना इस समुदाय के साथ है। मराठा समुदाय को आरक्षण देने में विलंब हो रहा है। मुख्यमंत्री की ओर इशारा करते हुए देसाई ने कहा कि जिन लोगों ने मराठा आरक्षण का मसला सुलझाने का वादा किया था, उन्हें अब आगे आना चाहिए। बता दें कि मराठा समुदाय ने पिछले वर्ष लगभग पूरे साल राज्यभर में करीब 55 मूक रैलियां करके आरक्षण के पक्ष में आवाज उठाई थी। यह आंदोलन तब मुंबई भी पहुंचा था। तब मुख्यमंत्री ने इस समुदाय को आरक्षण का लाभ दिलाने का आश्वासन दिया था।