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नक्सलियों ने माना, इस साल सुरक्षाबलों से बड़ा नुकसान

2017 के बीते 10 माह में उनके जिन 140 साथियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है, उनमें 30 महिलाएं भी हैं।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Mon, 20 Nov 2017 10:53 PM (IST)Updated: Tue, 21 Nov 2017 08:15 AM (IST)
नक्सलियों ने माना, इस साल सुरक्षाबलों से बड़ा नुकसान
नक्सलियों ने माना, इस साल सुरक्षाबलों से बड़ा नुकसान

रायपुर, संजीत कुमार। सुरक्षा बलों के कसते शिकंजे से नक्सली कमजोर पड़ते जा रहे हैं। 10 राज्यों के 106 जिलों में सक्रिय नक्सलियों को इस साल तगड़ा झटका लगा है। 2017 के बीते 10 माह में उनके जिन 140 साथियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है, उनमें 30 महिलाएं भी हैं। नक्सलियों ने खुद इसे स्वीकार किया है। जनमुक्ति छापा मार सेना (पीएलजीए) के स्थापना दिवस से पहले इनके केंद्रीय सैन्य आयोग की तरफ से यह बयान जारी किया गया है। इसमें माओवादियों ने माना है कि सबसे ज्यादा नुकसान दण्डकारण्य (छत्तीसगढ़) में उठाना पड़ा। यहां 98 नक्सली, सुरक्षाबलों के हाथों मारे जा चुके हैं।

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ई-मेल के जरिए मीडिया को जारी बयान में नक्सलियों ने साथियों के मारे जाने का उल्लेख करते हुए कहा है कि फोर्स ने उन्हें बहुत नुकसान पहुंचाया है। मेल में जो आंकड़े दिए गए हैं, उसमें तेलंगाना में दो, एओबी में सात, ओडिशा व पश्चिम बंगाल में दो-दो व पश्चिम घाटियों में एक की मौत स्वीकार की गई है। मारे जाने वालों में उनके डिवीजन और जोनल स्तर के नेता भी शामिल हैं।

ज्यादा हमले होने की स्वीकारोक्ति

नक्सलियों के बयान में प्रभावित क्षेत्रों में चलाए जा रहे अभियान 'समाधान' (2017-2022) का विशेष रूप से जिक्र है। साथ ही 2014 से लगातार सुरक्षाबलों के प्रहार की भी बात स्वीकार की गई है। बयान में कहा गया है कि 2016 की तुलना में इस साल बीते 10 महीनों में सुरक्षाबलों की तरफ से हमले तेज हुए हैं। इससे बहुत नुकसान हुआ है। खासकर सुरक्षा बलों ने बड़ी संख्या में हथियार और कारतूस जब्त कर लिए हैं।

आत्मसमर्पण से कमजोर पड़ा संगठन

नक्सलियों ने पीएलजीए में भर्ती की अपील भी की है। पुलिस के खुफिया विभाग के सूत्रों का दावा है कि बीते तीन-चार सालों में हुए लगातार हमले और साथियों के आत्मसमर्पण से संगठन कमजोर पड़ा है। पिछले साल देशभर में हजारों की संख्या में नक्सलियों ने हथियार डाले। अकेले छत्तीसगढ़ में बारह सौ से अधिक ने आत्मसमर्पण कर दिया। इससे इनके साथियों की संख्या घट गई।

बिहार-झारखंड में 40 हमले

बयान में नक्सलियों ने अपने हमलों का भी जिक्र किया है। कहा है कि इस साल सितंबर तक बिहार-झारखंड में उन्होंने 40 हमलों को अंजाम दिया है। इन हमलों में 12 पुलिस के जवानों की मौत हुई व सात घायल हुए। एक नेता समेत 10 अन्य लोगों को भी मारने का दावा किया है।

बस्तर में टूटी कमर

छत्तीसगढ़ के बस्तर में इस साल फोर्स ने ऑपरेशन प्रहार चला रखा है। अभियान के तहत जनवरी से अब तक 69 हार्डकोर नक्सली मारे गए हैं। मारे गए नक्सलियों में 42 से च्यादा ईनामी थे। अफसरों के अनुसार, आंकड़ों का यह अंतर इसलिए है क्योंकि फोर्स केवल उन्हीं को रिकार्ड में लेती है, जिनका शव बरामद होता है।

इन बड़े नक्सली नेताओं की मौत

मारे जाने वाले बड़े नक्सली नेताओं में कुप्पू देवराज ऊर्फ रमेश योगेश, राज्य कमेटी स्तर के रघुनाथ महतो (बीजे सैक सदस्य), हिमाद्रि राय (पश्चिम बंगाल के एससी सदस्य), अजिता ऊर्फ कावेरी (पश्चिमी घाटी एसजेडसी) शामिल हैं।

नक्सलियों के खिलाफ लगातार आक्रामक अभियान चलाया जा रहा है। पहले ऑपरेशन प्रहार-01 चला अब प्रहार-02 शुरू किया गया है। इससे नक्सली बैकफुट पर हैं।

- डीएम अवस्थी, स्पेशल डीजी नक्सल ऑपरेशन, बस्तर

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