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पंजाब में किसानों का एलान- जारी रहेगा आंदोलन, 33 ट्रेनें रद, 11 को बीच में रोका, रेलवे को करोड़ों का नुकसान

पंजाब में किसानों के आंदोलन के चलते हालात बिगड़ने लगे हैं। इस आंदोलन के चलते रेलवे को बुधवार को भी 33 ट्रेनें रद करनी पड़ीं जबकि 11 को गंतव्‍य तक पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया। वहीं दूसरी ओर किसानों ने कहा है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 10:57 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 09:30 AM (IST)
पंजाब में किसानों का एलान- जारी रहेगा आंदोलन, 33 ट्रेनें रद, 11 को बीच में रोका, रेलवे को करोड़ों का नुकसान
पंजाब में किसानों के आंदोलन के चलते हालात बिगड़ने लगे हैं।

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। पंजाब में किसानों के आंदोलन के चलते हालात बिगड़ने लगे हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, आंदोलन के चलते रेलवे को 33 ट्रेनें रद करनी पड़ीं, जबकि 11 को गंतव्‍य तक पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया। इस बीच किसानों ने कहा है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा। पंजाब के किसान संगठनों ने बुधवार को केंद्र के अड़ियल रुख की निंदा करते हुए ट्रेनों के संचालन के मसले पर कहा कि सरकार को पहले मालगाड़ियों का परिचालन शुरू करना चाहिए। इसके बाद ही यात्री ट्रेनों के संचालन पर विचार किया जाएगा।

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समाचार एजेंसी पीटीआई की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब में किसानों के आंदोलन के चलते भारतीय रेल को अकेले मालभाड़े से होने वाली आमदनी में 1,670 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मालूम हो कि किसानों के इस आंदोलन को 52 दिन हो चुके हैं। इस आंदोलन के चलते 16 नवंबर तक 1,986 यात्री रेलगाड़ियां और 3,090 मालगाड़ियां रद हो चुकी है। वहीं रेलवे ने प्रदर्शनकारी किसानों के केवल मालगाड़ियां शुरू करने के प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया है। इससे संकट और गहरा गया है। आंदोलन के चलते रेलवे को हर रोज करीब 36 करोड़ मालभाड़े के नुकसान का अनुमान है।

किसानों के प्रस्‍ताव पर रेलवे ने सख्‍त रुख अपनाते हुए कहा है कि राज्‍य में चलेंगी तो यात्री रेलगाड़ियां और मालगाड़ियां दोनों... अन्‍यथा कोई गाड़ी नहीं चलेगी। यहां बता दें कि बीते दिनों केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमार और रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ किसानों की बातचीत का कोई हल नहीं निकल पाया था। राज्‍य में मालगाड़ियों का परिचालन नहीं होने से उद्योगों को भारी नुकसान हो रहा है। पंजाब किसान यूनियन के नेता रुलदू सिंह ने कहा कि केंद्र ने पंजाब के किसानों, कारोबारियों और श्रमिकों के खिलाफ अड़ियल रवैया अपनाया है। हम इसकी निंदा करते हैं।

रुलदू सिंह ने आगे कहा कि करीब 30 किसान संगठनों के प्रतिनिधि और लाखों किसान कृषि कानूनों के खिलाफ 26 और 27 नवंबर को प्रदर्शन करने के लिए ट्रैक्टर से दिल्ली जाने को तैयार हैं लेकिन केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी का हवाला देकर राष्‍ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शनों को अनुमति नहीं दी है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पूरे देश के 200 किसान संगठनों के मंच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने 'दिल्ली चलो' प्रदर्शन का आह्वान किया है। किसान नेताओं की मानें तो वे भाजपा नेताओं का घेराव करने वाले हैं...

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि किसान राज्य में भाजपा नेताओं के घर के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। उनसे पूछा गया कि क्या वह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का भी घेराव करेंगे अगर वह पंजाब आते हैं? इस पर सिंह ने कहा कि वे निश्चित रूप से ऐसा करेंगे। उल्लेखनीय है कि नड्डा 19 नवंबर को पंजाब के 10 जिलों के पार्टी कार्यालय का डिजिटल उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी की तैयारियों की समीक्षा के लिए उनका तीन दिन का पंजाब दौरा प्रस्तावित है।


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