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लगातार बारिश से कई राज्य बेहाल, बचाव व राहत कार्य तेज

कोमेन चक्रवात के कमजोर पड़ने के बावजूद हो रही मूसलाधार बारिश ने कई राज्यों में हाहाकार मचाया हुआ है। मणिपुर, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गुजरात अौर अोडिसा में हुई भारी बारिश अौर भूस्खलन से जनजीवन अस्त- व्यस्त हो गया है।

By Test1 Test1Edited By: Published: Sun, 02 Aug 2015 09:26 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2015 09:49 PM (IST)
लगातार बारिश से कई राज्य बेहाल, बचाव व राहत कार्य तेज

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली : कोमेन चक्रवात के कमजोर पड़ने के बावजूद हो रही मूसलाधार बारिश ने कई राज्यों में हाहाकार मचाया हुआ है। मणिपुर, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गुजरात अौर अोडिसा में हुई भारी बारिश अौर भूस्खलन से जनजीवन अस्त- व्यस्त हो गया है। राज्य सरकार के साथ केन्र्द सरकार बचाव व राहत कार्य में जुटी है। केंदीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने फोन से गुजरात, मणिपुर, पश्चिम बंगाल अौर राजस्थान के मुख्यमंत्रियों से हालात की जानकारी ली। उन्होंने बाढ़ एवं भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में बचाव व राहत कार्य तेज करने को कहा। उन्होंने मुख्यमंत्रियों को केन्र्द से पूरा सहयोग देने का अाश्वासन दिया। गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार केन्र्द सरकार बाढ़ प्रभावित राज्यों की स्थिति पर नजर रखी हुई है। गुजरात के 14जिलों में करीब 40 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। प्रभावितों के लिए अस्थाई कैंप व 10 लाख भोजन पैकेट की व्यवस्था की गई है। केन्र्द सरकार की अोर से 17 रेस्क्यू टीम राज्य में भेजी गई है।

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मणिपुर के चंदेल जिले के जुमोआल गांव में भारी बारिश से हुए भूस्खलन में शनिवार को 21 लोगों की मौत हो गई। कई पुल व सड़क पानी में बह गए। सैकड़ों गांव जलमग्न हैं जिससे यहां के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेना पड़ा। लगातार बरस रहे पानी का असर रेलमार्ग पर भी पड़ा है। दिल्ली-हावड़ा रूट पर ट्रेनें आठ से दस घंटे देरी से चल रही हैं। रांची-टाटा पैसेंजर ट्रेन को गम्हरिया से ही रांची लौटा दिया गया। झारखंड के अधिकांश हिस्सों में कोमेन का असर सोमवार को भी जारी रहेगा।

हावड़ा में 25 हजार लोग राहत शिविरों में

हावड़ा के सैकड़ों गांव बाढ़ के पानी की चपेट में हैं। लगभग 25 हजार लोगों ने राहत शिविरों में शरण ले रखी है। कई इलाकों में सड़कों पर नाव भी चलीं। घुसुड़ी स्थित सरकारी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पानी घुस गया। इससे मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दौरे के बाद यहां राहत कार्य जोरों पर है। लगभग 150 राहत शिविर लगाए गए हैं। उत्तरी 24 परगना जिले के बशीरहाट, बारासात, बैरकपुर और बनगांव मकहमा बुरी तरह प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्थिति पर लगातार निगाह बनाए रखने का निर्देश दिया है।

वज्रपात से चार मरे, चार जख्मी

रविवार को बंगाल के बैरकपुर में वज्रपात से खुले में खेल रहे दो किशोरों समेत चार लोगों की मौत हो गई जबकि चार अन्य बुरी तरह झुलस गए। दूसरी ओर नदिया जिले में डूबने से दो लोगों की मौत हो गई।इस प्रकार बंगाल में अब तक 48 लोगों के मरने की खबर है।

झारखंड में सामान्य से दोगुनी बारिश

पिछले 72 घंटों से भारी बारिश के कारण झारखंड में पिछला रिकॉर्ड टूटता चला जा रहा है। लगातार सूखे की मार झेल रहे प्रदेश में पहली बार ऐसा लग रहा है कि मानसून के दौरान सभी जिलों में औसत से अधिक बारिश होगी। अब तक की बारिश में ही कई जिलों में रिकॉर्ड टूट चुके हैं तो कहीं-कहीं सामान्य से दोगुनी बारिश हो चुकी है। रामगढ़ जिले में स्थित शक्तिपीठ रजरप्पा छिन्नमस्तिका मंदिर परिसर जलमग्न हो गया। चतरा जिले के इटखोरी में नवनिर्मित बांध टूट जाने से गांव में पानी घुस आया है जिससे भयवश ग्रामीणों ने सारी रात गांव के स्कूल तथा ऊंचे स्थानों पर शरण ली।

गौरीकुंड के पास भूस्खलन

देहरादून : उत्तराखंड में चारधाम यात्रा मार्गाें पर मौसम का खलल बना हुआ है। हालांकि, रविवार को बारिश उस तरह नहीं हुई जैसा पूर्वानुमान था, लेकिन सोनप्रयाग व गौरीकुंड के मध्य मुनकटिया में भूस्खलन हुआ है। एहतियात के तौर पर यात्रियों को सोनप्रयाग में ही रोक लिया गया। वहीं, गंगोत्री राजमार्ग करीब सात घंटे बाधित रहा। इस सबके बावजूद चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के साथ ही हेमकुंड साहिब यात्रा को लेकर यात्रियों में उत्साह बना है और यात्रा सुचारू रूप से चल रही है।

राजस्थान में बचाव कार्य जारी

भारी बारिश से राजस्थान में भी स्थिति खराब है। जालौर , झालावाड़ , बारां, सिरोही , बाड़मेर और डूंगरपुर जिलों की स्थिति काफी गंभीर है। भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति के कारण पिछले कुछ दिनों में 28 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।


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