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National Education Policy : राष्ट्रीय शिक्षा नीति की करीब दो सौ सिफारिशों पर इसी साल होगा अमल, नए सिरे से तैयारी में जुटा शिक्षा मंत्रालय

केंद्र सरकार शिक्षा में सुधारों की मुहिम को तेज करने पर जोर दे रही है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी से मिले मार्गदर्शन के बाद शिक्षा मंत्रालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़ी सिफारिशों को अमली जामा पहनाने में जुट गया है। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 14 May 2022 08:52 PM (IST)Updated: Sun, 15 May 2022 06:28 AM (IST)
National Education Policy : राष्ट्रीय शिक्षा नीति की करीब दो सौ सिफारिशों पर इसी साल होगा अमल, नए सिरे से तैयारी में जुटा शिक्षा मंत्रालय
सरकार शिक्षा में सुधार को लेकर कोई कोताही नहीं बरत रही है। File Photo

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शिक्षा में सुधारों की मुहिम आने वाले दिनों में कुछ और तेज हो सकती है। इसमें भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (हेकी) और नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) के गठन जैसे कई लटके मामलों में प्रगति भी देखने को मिलेगी। प्रधानमंत्री से मिले मार्गदर्शन के बाद शिक्षा मंत्रालय फिलहाल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) से जुड़ी सिफारिशों को तेजी से लागू करने में जुट गया है। इसे लेकर जो लक्ष्य तय किए गए हैं उनमें एनईपी से जुड़ी करीब 200 सिफारिशों को इसी साल अमल में लाया जाएगा। 

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उच्च शिक्षा आयोग के गठन को लेकर अहम बैठक

इसी क्रम में शिक्षा मंत्री ने भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के गठन को लेकर अहम बैठक की है। एनईपी के अमल में और तेजी लाने का यह फैसला पिछले सप्ताह एनईपी के अमल को लेकर प्रधानमंत्री की ओर से बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक के बाद लिया गया। इसमें शिक्षा मंत्री सहित मंत्रालय के सभी आला अधिकारी और नीति के अमल से जुड़े विशेषज्ञ भी मौजूद थे।

बैठकों का दौर हुआ तेज

खास बात यह है प्रधानमंत्री की समीक्षा के बाद से मंत्रालय में नीति के अमल को लेकर बैठकों का दौर तेज हुआ है। साथ ही तय लक्ष्यों के अमल की नए सिरे से समीक्षा की जा रही है। फिलहाल जो रणनीति बनाई गई है, उनमें नीति के एक बड़े हिस्से पर इसी साल अमल होगा।

शिक्षा मंत्रालय ने कसी कमर

नीति से जुड़ी जिन 200 सिफारिशों को चिह्नित किया गया है उनमें स्कूली शिक्षा से जुड़े पाठ्यक्रम को तैयार करना, प्री-प्राइमरी से 12वीं तक के लिए नए सिरे से लर्निंग आउटकम तय करना, परीक्षा को आसान बनाने के लिए जरूरी सुधार करना आदि शामिल हैं। मालूम हो कि वर्ष 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद शिक्षा मंत्रालय ने उसके अमल को लेकर 300 सिफारिशों को चिह्नित किया था।

इसी साल अमल पर होगा जोर 

इनमें से प्रत्येक सिफारिश को एक लक्ष्य के रूप में रखा गया है। नीति से जुड़ी ज्यादातर सिफारिशों पर इसी साल अमल को लेकर इसलिए भी जोर है क्योंकि सरकार को अब इस तरह का उपयुक्त समय मिलना मुश्किल है। 2024 के आम चुनावों को देखते हुए सरकार अगले साल से चुनावी मोड़ में आ जाएगी। ऐसे में उसके लिए बड़े फैसले लेना मुश्किल होगा।

भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के तहत होंगी चार संस्थाएं

प्रस्तावित आयोग के अधीन चार संस्थाएं काम करेगी... 

1- राष्ट्रीय उच्च शिक्षा विनियामक परिषद (एनएचईआरसी) : यह उच्च शिक्षा के लिए एक रेगुलेटर की तरह काम करेगी, जिसके दायरे में चिकित्सा एवं विधिक शिक्षा को छोड़ बाकी सभी उच्च शिक्षा शामिल होगी।

2- राष्ट्रीय प्रत्यायन परिषद (एनएसी) : यह नैक की जगह लेगी व उच्च शिक्षण संस्थानों का मूल्यांकन करेगी।

3- उच्चतर शिक्षा अनुदान परिषद (एचईजीसी) : यह उच्च शिक्षण संस्थानों की फं¨डग का काम देखेगी। अभी उच्च शिक्षण संस्थानों की फं¨डग का काम यूजीसी के ही पास है।

4- सामान्य शिक्षा परिषद (जीईसी) : यह उच्च शिक्षण संस्थानों में नए-नए शिक्षा कार्यक्रमों को तैयार करने और उन्हें लागू करने का काम देखेगी।

अभी काम कर रहे करीब 14 नियामक

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में फिलहाल यूजीसी, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) सहित करीब 14 नियामक काम करते हैं। इनमें तकनीकी शिक्षा, शिक्षक शिक्षा, कौशल विकास से जुड़ी शिक्षा परिषद आदि शामिल हैं।


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