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छत्तीसगढ़: बाढ़ से बचे तो राहत शिविरों में फंसे सैकड़ों लोग

प्रशासन के मुताबिक बाढ़ से सड़क, पुल-पुलियों व फसल को मिलाकर करीब आठ करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 10:44 PM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 10:44 PM (IST)
छत्तीसगढ़: बाढ़ से बचे तो राहत शिविरों में फंसे सैकड़ों लोग
छत्तीसगढ़: बाढ़ से बचे तो राहत शिविरों में फंसे सैकड़ों लोग

जगदलपुर। पिछले दिनों हुई बारिश व ओडिशा के खातीगुड़ा बांध से पानी छोड़े जाने के बाद इंद्रावती व शबरी नदी में आई बाढ़ के बाद छत्तीसगढ़ में हालात धीरे-धीरे सुधार पर हैं फिर भी करीब चार हजार लोगों को विभिन्न राहत शिविरों में ठहराया गया है, जिनमें से ज्यादातर घरों को लौट गए हैं। बावजूद इसके सुकमा व भोपाल पटनम में अभी भी लोग शिविरों में फंसे हुए हैं। बुधवार को सुकमा शिविर में फंसे लोगों को भोजन नहीं मिल पाया। कोंटा-सुकमा नेशनल हाइवे पर अभी भी करीब डेढ़ फीट पानी भरा हुआ है।

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प्रशासन के मुताबिक बाढ़ से सड़क, पुल-पुलियों व फसल को मिलाकर करीब आठ करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। कांकेर छोड़कर बस्तर संभाग के छह जिलों में पिछले आठ दिनों में इंद्रावती-शबरी, नारंगी, मारकंडी, मिंगाचल, मलेगर, भंवरडीह आदि प्रमुख नदियों में आई बाढ़ ने काफी नुकसान पहुंचाया है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट में बताया गया कि बारिश के कारण कई दिनों तक उफान पर रहने के बाद बुधवार को सभी नदी-नालों में बाढ़ का पानी उतर गया है।

राहत शिविरों से लोग घरों को लौट रहे हैं। संभाग में शबरी नदी और सुकमा जिले में इसके 16 सहायक नदी-नालों के चलते ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। सुकमा के बाद संभाग में बीजापुर जिला सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित रहा। ओडिशा में इंद्रावती नदी पर स्थित खातीगुड़ा बांध का गेट खोलने के कारण सुकमा जिले में बाढ़ की विभीषिका अधिक रही। सुकमा जिले में बाढ़ में फंसे करीब 150 लोगों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।

सड़क-पुल क्षतिग्रस्त, सैकड़ों एकड़ की फसल बर्बाद

कमिश्नर धनंजय देवांगन ने बताया कि जिलों से मिली प्रारंभिक रिपोर्ट में बाढ़ में बहने व गाज गिरने से तीन लोगों के मौत की सूचना है। इसके अलावा डेढ़ सौ से अधिक मवेशी मारे गए हैं। 14 सौ से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और 20 से अधिक क्षेत्रों में सड़क और पुल-पुलियों को नुकसान पहुंचा है। दो हजार एकड़ से अधिक रकबा में फसल को नुकसान पहुंचा है। इसे लेकर गुरुवार को कलेक्टर कॉन्फ्रेंस बुलाई गई है। विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद वास्तविक नुकसान की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

स्थिति सामान्य हो रही

सुकमा कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने कहा कि जिले में स्थिति सामान्य हो रही है। नुकसान का आकलन करने को कहा गया है। नारायणपुर कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने कहा कि सड़क और पुल-पुलियों को काफी नुकसान पहुंचा है। बीजापुर कलेक्टर केडी कुंजाम ने कहा कि विस्तृत रिपोर्ट के बाद ही नुकसान का सही आकलन हो पाएगा।


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