दावोस: तीन दर्जन बैठकों से होगी भारत की ब्रांडिंग
पीएम नरेंद्र मोदी डब्लूईएफ की बैठक के दौरान संबोधित करेंगे वहीं उनके साथ गये केंद्र सरकार के मंत्रियों की भूमिका भी कम नहीं होगी।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दावोस में सोमवार से शुरु हो रहे वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम (डब्लूईएफ) में भारत की बेहतरीन निवेश अनुकूल इमेज बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी डब्लूईएफ की बैठक के दौरान संबोधित करेंगे वहीं उनके साथ गये केंद्र सरकार के मंत्रियों की भूमिका भी कम नहीं होगी। पीएम मोदी और उनके कैबिनेट सहयोगी कुल मिला कर वहां दो दिनों के भीतर तीन दर्जन बैठकों में हिस्सा लेंगे। वित्त मंत्री अगुवाई में कैबिनेट मंत्रियों की एक बैठक इंडिया स्ट्रेटिजिक डायलॉग आयोजित की जाएगी जिसमें दर्जनों कंपनियों के सीईओ व वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा लेने जा रहे हैं।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी से साथ दावोस जा रहे रेल व कोयला मंत्री पीयूष गोयल वहां 10 द्विपक्षीय व बहुपक्षीय बैठकों में भारत का हिस्सा लेंगे। जबकि उद्योग व वाणिज्य उद्योग सुरेश प्रभु कई देशों के वाणिज्य मंत्रियों के साथ 9 बैठकों में हिस्सा लेंगे। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान भी पांच बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह तीन बैठकों में और विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर एक ही दिन में दो बैठक करेंगे। इसके अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में प्रभु और प्रधान को मिला कर बनी टीम भारत स्ट्रेटिजिक डायलॉग में हिस्सा लेगी। यह टीम भारत को एक बेहतरीन निवेश स्थल के तौर पर पेश करने की समग्र कोशिश करेगी। जेटली 24 जनवरी को दावोस पहुंच रहे हैं।
पीएम मोदी एक बड़े दल के साथ सोमवार को दावोस पहुंच गए। विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) विजय गोखले का कहना है कि भारतीय हितों को देखते हुए वित्तीय समावेश, स्वच्छ ऊर्जा, डिजिटल नेटवर्किंग, रेल सुरक्षा आदि विषयों पर द्विपक्षीय बैठकें रखी गई हैं। लेकिन सभी की नजरें पीएम मोदी के उद्घाटन भाषण पर होंगी। इसके अलावा दावोस में हिस्सा लेने पहुंचे भारतीय उद्यमियों के साथ भी एक डिनर का आयोजन हो रहा है।
आम बजट से ठीक पहले इस चर्चा का अपना महत्व होगा। पीएम मोदी की सबसे अहम बैठक 120 कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ होगी। इसमें वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम के सदस्य लगभग सभी दिग्गज कंपनियों के प्रमुख होंगे। प्रमुख लोगों में एयरबस समूह के सीईओ डिर्क होके, हिताची समूह के मुखिया, आइबीएम के प्रेसिडेंट व सीईओ, बीएई सिस्टमस के चेयरमैन रोजर कार, जेनरल मोटर्स के सीईओ मैरी टी बारा, रायल डच शेल के सीईओ शामिल हैं। ये सभी वे कंपनियां है जो भारत में निवेश करने को इच्छुक हैं।