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रक्षा मंत्रालय में गतिरोध की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते एंटनी

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को पूर्व रक्षा मंत्री व कांग्रेस नेता एके एंटनी पर जमकर जवाबी हमला बोला। उन्होंने कहा कि एंटनी रक्षा मंत्री के अपने कार्यकाल के दौरान मंत्रालय में पैदा हुए गतिरोध की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। इससे पहले पिछले हफ्ते एंटनी ने पर्रिकर पर

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 25 May 2015 08:30 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2015 08:50 PM (IST)
रक्षा मंत्रालय में गतिरोध की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते एंटनी

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को पूर्व रक्षा मंत्री व कांग्रेस नेता एके एंटनी पर जमकर जवाबी हमला बोला। उन्होंने कहा कि एंटनी रक्षा मंत्री के अपने कार्यकाल के दौरान मंत्रालय में पैदा हुए गतिरोध की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। इससे पहले पिछले हफ्ते एंटनी ने पर्रिकर पर देश की सुरक्षा को जोखिम में डालने का आरोप लगाया था।

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पर्रिकर ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) समेत मुद्दों को बगैर समझे महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने का आरोप लगाया। पर्रिकर ने कहा कि वह मंत्रालय में एंटनी के कार्यकाल में गतिरोध की वजह से हुए नुकसान का आकलन नहीं करेंगे। मुझे जो विरासत में मिली वह ठहरी हुई स्थिति थी। उन्होंने कुछ माह के लिए रक्षा मंत्री रहे अरुण जेटली से इस मंत्रालय का प्रभार लिया है। जेटली की सराहना करते हुए पर्रिकर ने कहा कि उन्होंने मंत्रालय की रुकी हुई गाड़ी के पहियों को घुमाने की कोशिश की लेकिन उनके पास समय ही बहुत कम था। उन्होंने रक्षा मंत्रालय मात्र पांच माह संभाला था।

रक्षा मंत्री ने इस पर भी आश्चर्य जताया कि यदि कुछ ठीक नहीं हुआ तो कोई कैसे अपनी जिम्मेदारी से भाग सकता है। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा, उनसे कोई पूछे कि वे अपने अधूरे काम क्यों नहीं पूरे कर सके तो वह समय की कमी की बात कह सकते हैं क्योंकि उन्हें अभी मंत्रालय में आए केवल सात महीने हुए हैं। एक साल के बाद भी वह शिकायत कर सकते हैं कि बहुत सारे काम पड़े हुए हैं लेकिन इसके बाद उन्हें शिकायत करने का अधिकार नहीं रह जाएगा।

पिछले हफ्ते एंटनी ने पर्रिकर पर देश की सुरक्षा को खतरे में डालने व फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा होलांद के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राफेल युद्धक विमान सौदा करने पर सवाल उठाया था। राहुल गांधी को भी इसी के साथ लपेटते हुए पर्रिकर ने कहा कि इन लोगों को गहरा अध्ययन नहीं है। कांग्रेस बहुत चीजों को यह जाने बगैर कि वह क्या है उसके बारे में बात करने लगती है।

शनिवार को राहुल ओआरओपी की बात कर रहे थे। ओआरओपी इतना आसान होता तो यह मुद्दा बहुत पहले ही हल हो जाता। इस योजना पर शुरू में 8600 करोड़ खर्च आने का अनुमान है। इसके बाद हर साल करोड़ों रुपये और लगने हैं लेकिन अब यह जल्दी हो जाएगा। पर्रिकर ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने अपने सेज घोटाले के बाद भूमि विधेयक लाया। सेज घोटाले में किसानों की जमीन कौडि़यों के मोल ले ली गई।

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