नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। ओडिशा में रूस के एक सांसद और उनके मित्र की रहस्यमयी मौत को लेकर भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव और कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी में भिड़ गये हैं। वैसे यह भिड़ंत सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर हुई है। दरअसल, एक दिन पहले तिवारी ने रूसी सांसद पावेल एंटोव और उनके मित्र ब्लादिमीर बुडेनोव के मृत शरीर का दाह-संस्कार किये जाने पर सवाल उठाया था।
क्या लिखा ट्वीटर पर
उन्होंने लिखा कि, 'दो इसाइयों को दफनाया नहीं गया बल्कि उनका दाह-संस्कार किया गया है। क्यों? हरक्यूल पोइरोट (प्रसिद्ध जासूसी उपन्यासकार अगाथा क्रिस्टी का काल्पनिक जासूस) ने कहा था कि मृत शरीर कोई कहानी नहीं कहते।' इसका जबाव अलीपोव ने यह कह कर दिया कि, 'हम भारतीय जांच एजेंसियों की तरफ से की जा रही ओडिशा में रूसी नागरिकों की मौत की जांच पड़ताल की प्रशंसा करते हैं। लेकिन हरक्यूल पोइरोट के प्रशंसकों को यह जानना चाहिए कि रूस में दफनाने के साथ ही दाह-संस्कार करने की भी परंपरा है। आलस्य कई तरह की बुराइयों की जड़ है।'
जारी बयानों का जिक्र करते हुए दिया जवाब
कांग्रेसी सासंद ने भी बाद में रूस में दफनाये जाने की परंपरा और इस पर वहां के चर्च की तरफ से जारी बयानों का जिक्र करते हुए जवाब दिया। इसमें लिखा है कि रूस में मृत शरीर को दफनाये जाने की ही परंपरा है और वहां मृतकों को जलाना चर्च की नजर में स्वीकार्य नहीं है। बताते चलें कि रूसी सांसद और उनके मित्र की मौत ओडिशा के रायगढ़ा स्थित होटल साई इंटरनेशनल में हुई है।
उनकी मौत का मामला गहराता जा रहा है और कई सवालों का जवाब जांच एजेंसियों को नहीं मिल पा रही है। जैसे रूस से ओडिशा के रायगढ़ा छुट्टियां मनाने क्यों आये। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी बुडेनोव को आंतरिक चोटें लगने की बातें सामने आई हैं। विदेश मंत्रालय ने एक दिन पहले कहा है कि जांच एजेंसियां इस बारे में कानून के मुताबिक कदम उठाये जा रहे हैं।
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