भिलाई हादसे के लिए प्रबंधन जिम्मेदार, हटाए गए सीईओ, दो अफसर सस्पेंड
भिलाई स्टील प्लांट हादसे के बाद सीईओ को हटा दिया गया है और दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
नईदुनिया, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के छत्तीसगढ़ स्थित भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) में मंगलवार को हुए हादसे की वजह प्रबंधकीय चूक है। बुधवार को भिलाई पहुंचे केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र ने स्वीकार किया कि सेफ्टी के पुराने तरीके से काम करने के कारण हादसा हुआ। इसमें अधिकारियों और प्रबंधन की लापरवाही स्पष्ट रूप से सामने आई है। इसके बाद सीईओ को हटा दिया गया है और दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही पीड़ित परिवारों को 95 लाख रुपये तक का मुआवजा दिए जाने की घोषणा की गई है।
यहां पहुंचे चौधरी ने कहा कि सुरक्षा के नए मानकों की अवहेलना हुई, जो हादसे का कारण बनी। सरकार ने इसके लिए प्ररंभिक तौर पर बीएसपी के तीन आला अफसरों को जिम्मेदार मानते हुए उन पर कार्रवाई भी कर दी है। बीएसपी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) एम रवि को हटा दिया गया है। जनरल मैनेजर (सेफ्टी) डी. पंड्या राजा और डिप्टी जनरल मैनेजर (एनर्जी मैनेजमेंट डिपार्टमेंट) नवीन कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। मंत्री ने पीडि़त परिवारों को 95 लाख रुपये तक की सहायता की घोषणा की है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हादसे के कारणों की पूरी गंभीरता से जांच की जाएगी और इसमें दोषी पाए जाने वालों पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल में घायलों से मिलने पहुंचे केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री चौधरी बुधावर सुबह रायपुर पहुंचे। यहां से वह सूबे के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ भिलाई नगर के सेक्टर-9 स्थित अस्पताल गए, जहां उन्होंने हादसे में घायल श्रमिकों के स्वास्थ्य और उनकी उपचार व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री विष्णुदेव साय, राज्य के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय समेत वरिष्ठ अफसर मौजूद थे। यहां चौधरी ने हादसे को बहुत गंभीर और दुखद बताया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र सरकार दोनों हर कदम पर अपने श्रमवीरों के प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी हैं। हम सब मिलकर उन्हें हर संभव मदद पहुंचाने के लिए तत्पर हैं।
यह है मामला
बीएसपी के कोक ओवन का मंगलवार को मेंटेनेंस चल रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सुबह करीब 11 बजे गैस लाइन में अचानक ब्लास्ट के बाद वहां वेल्डिंग के लिए रखे गैस सिलेंडर फट गए। इससे कोक ओवन में आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली कि जो जहां था, वहीं फंस गया। धुआं इतना सघन था कि कर्मचारी बाहर नहीं निकल सके। रासायनिक धुएं के असर से कर्मचारी बेहोश होकर तड़पते रहे। इसके बाद आग ने उन्हें चपेट में ले लिया। बुरी तरह से झुलसे नौ कर्मचारियों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया, जबकि दो की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई।
रिटायरमेंट की उम्र तक मृतक का वेतन लेने का विकल्प
इस्पात मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि पीड़ित परिवार को मृतक की सैलरी रिटायरमेंट की उम्र तक देने का विकल्प दिया गया है अथवा वे चाहेंगे तो अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। मृतक के परिजनों के लिए अनुग्रह राशि 25 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दी गई है। गंभीर घायल के लिए यह राशि 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख और सामान्य घायलों के लिए दो लाख रुपये होगी। कार्मिकों का अंतिम भुगतान आश्रितों को 33 लाख से लेकर 95 लाख रुपये तक किया जाएगा। मृतक के परिजनों को 30-30 लाख, गंभीर घायलों के लिए 15-15 लाख और सामान्य घायलों के लिए दो-दो लाख रुपये की मदद तय की गई है।
जितने भी दोषी सब पर कार्रवाई
अफसरों की बैठक के बाद बाहर आए मंत्री बीरेंद्र चौधरी ने दो टूक कहा कि पिछले हादसों के बाद जांच की रिपोर्ट का क्या हुआ और क्यों एक्शन नहीं लिया गया, इस बारे में स्थानीय स्तर पर बताया जा सकता है। कोक ओवन की घटना की जांच के लिए सेल की इंटरनल कमेटी गठित हो चुकी है। सात दिन के अंदर रिपोर्ट आएगी। साथ ही मंत्रालय भी एक कमेटी गठित कर रहा है, जिसमें देशभर के एक्सपर्ट शामिल किए जाएंगे। जो सिर्फ और सिर्फ दोषियों को खोजने का काम करेंगे। जांच में जितने भी दोषी पाए जाएंगे, सभी पर कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने लगाई दैनिक जागरण की खबर पर मुहर
दैनिक जागरण (नईदुनिया) के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने स्वीकारा कि प्लांट में लापरवाही बरती जा रही है। कहा- जैसा मुझे बताया गया है कि गैस कनेक्शन का काम किया जा रहा था। इसमें पुरानी पद्धति से काम करने की वजह से हादसा हुआ। बता दें कि नईदुनिया ने 14 सितंबर के अंक में लापरवाही पर आधारित विशेष खबर प्रकाशित की थी।